प्राइवेट सेक्टर हो या फिर पब्लिक सेक्टर, सफलता के अलग मंत्र नहीं होते: PM मोदी
पीएम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र ने उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था को गति दी जब निजी क्षेत्र में सीमित संभावनाएं थीं।
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नई दिल्ली। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मेलन में विभिन्न मंत्रालयों और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लिया। वहां पीएम मोदी ने कहा कि आज स्थिति ये है कि कई कामयाब प्राइवेट कंपनियां दो दशक से ज्यादा नहीं टिक पातीं। इसका बड़ा कारण है आने वाले बदलाव, टेक्नोलॉजी में होने वाले परिवर्तन के हिसाब से खुद को ना ढाल पाना। पीएम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र ने उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था को गति दी जब निजी क्षेत्र में सीमित संभावनाएं थीं।
'5 'पी' फॉर्मूले से बनेगा न्यू इंडिया'
सीपीएसई के समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्णय लेने की लचीली प्रक्रिया, प्रतिभा और तकनीक यानी तीन चीजें जिस संस्थान से जुड़ जाएं तो उसकी तरक्की को कोई भी नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के निर्माण में आपकी सहभागिता 5 'पी' फॉर्मूले पर चलते हुए और ज्यादा हो सकती है। ये 5 'पी' हैं परफॉर्मेंस (प्रदर्शन), प्रॉसेस (प्रक्रिया), पर्सोना (व्यक्तित्व) प्रोक्युर्मेंट (प्राप्ति) और प्रीपेयर (तैयार करना)।
पीएसई का सही मायने में अर्थ होता है मुनाफा और समाज को फायदा पहुंचाने वाले उद्यम पैदा करना
पीएम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र ने उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था को गति दी जब निजी क्षेत्र में सीमित संभावनाएं थी। मोदी ने कहा कि पीएसई का सही मायने में अर्थ होता है मुनाफा और समाज को फायदा पहुंचाने वाले उद्यम पैदा करना। यानी ऐसी इकाई जो ना सिर्फ शेयर होल्डरों के लिए मुनाफा कमाए बल्कि समाज के लिए फायदा भी उत्पन्न करे।
'हम मूल्य प्रतिस्पर्धी हो और गुणवत्ता के प्रति संवेदनशील हों'
पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम मूल्य प्रतिस्पर्धी हो और गुणवत्ता के प्रति संवेदनशील हों और ऐसे उत्पादन पर फोकस करें जिनके आयात की बाध्यता है और जिन्हें हम नए नवाचारों के जरिए प्रतिस्थापित कर सकते हैं तो आयात बिल में महत्वपूर्ण कमी आ सकती है।
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