Bayern F217:जर्मनी के जंगी जहाज ने मुंबई में डाला डेरा, जानिए क्या चीन के लिए है चेतावनी ? देखिए Video
मुंबई, 21 जनवरी: मुंबई पोर्ट पर जर्मनी के एक जंगी जहाज ने शुक्रवार को डेरा डाला है। इसकी आगवानी भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने की है। दरअसल, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के समुद्र रास्ते से बिना किसी बाधा के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को लेकर हाल के वर्षों में विश्व की चिंताएं बढ़ी हैं। जिसमें भारत के कुछ पड़ोसी मुल्कों की विस्तारवादी गतिविधियों ने और सचेत रहने को मजबूर किया है। यही वजह है कि जर्मनी के जंगी जहाज का भारतीय बंदरगाह पर इस तरह से डेरा डालना दुनिया के कई देशों के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है, जिसमें खासकर चीन भी शामिल है।
'हमें मुक्त समुद्री मार्गों की आवश्यकता है'
जर्मनी के युद्धपोत बैयर्न एफ217 के मुंबई में डेरा डालते ही भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने शुक्रवार को कहा कि प्रशांत क्षेत्र में शांति महत्वपूर्ण है और इस इलाके के सभी 32 देशों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून का सम्मान करना चाहिए। इस युद्धपोत की आगवानी जर्मनी के राजदूत और महाराष्ट्र के प्रोटोकॉल, पर्यटन और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने की है। इस दौरान लिंडर ने बहुत ही अहम बयान देते हुए कहा है कि 'यह महत्वपूर्ण है कि आप संदेश दें और वह संदेश है कि हमें मुक्त समुद्री मार्गों की आवश्यकता है, क्योंकि हमें सप्लाई चेन बनाए रखने के लिए कुछ स्थिरता की जरूरत है और यह बहुत ही महत्वपूर्ण है।'
क्या चीन के लिए है चेतावनी ?
इतना ही नहीं जर्मनी के राजदूत ने कहा है कि 'तीसरी बात ये है कि हमारी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर आधारित सिस्टम का सम्मान होना भी जरूरी है। इस इलाके में 32 देश हैं और यह बहुत ही अहम है कि ये देश अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून का सम्मान करें, ताकि हमें स्थिर, शांतिपूर्ण क्षेत्र मिल सके। इसलिए यह कोई सामान्य दौरा नहीं है। यह ऐसा है जो कभी-कभी ही होता है।' गौरतलब है कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दखलंदाजी ने दुनिया भर के देशों की चिंता बढ़ा रखी है; और जर्मनी का यह जंगी जहाज बिना कुछ कहे ड्रैगन को इन चिंताओं के प्रति आगाह करने के लिए काफी है।
'भारत-प्रशांत अब बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र'
जर्मनी की नौसेना के युद्धपोत के देर से पहुंचने के बारे में उनका कहना है कि कई बार समय लग जाता है और कोविड महामारी की वजह से भी इसमें देरी हुई है। उन्होंने बिना किसी खास देश के नापाक इरादों का जिक्र करते कहा है कि 'भारत-प्रशांत अब बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है, क्योंकि, अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 60 फीसदी हिस्सा इसी से होता है, जहां दुनिया की 50 फीसदी आबादी रहती है और परमाणु ताकतें भी मौजूद हैं, जिनके बीच कई क्षेत्रीय तनाव भी हैं। '
'यह मित्रों के बीच की यात्रा है'
उन्होंने जर्मनी की नौसेना के युद्धपोत बैयर्न एफ217 के भारत पहुंचने पर आभार जताते हुए कहा कि 'मुझे बहुत खुशी है कि कोविड-19 के बावजूद हमने जहाज को यहां डेरा डालना संभव बनाया है। यह मित्रों के बीच की यात्रा है। मुझे विश्वास है कि यह भारत और जर्मनी के बीच हमारी अच्छी मित्रता का एक उदाहरण बनेगा।' उन्होंने मुंबई के बारे में कहा कि उन्हें इस शहर से खास लगाव है और उन्हें यह अपने घर जैसा लगता है, क्योंकि 45 साल पहले भी वह यहां आए थे।
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समुद्री सुरक्षा पर फोकस
इस मौके पर आदित्य ठाकरे बोले कि 'यहां पर जर्मनी की नेवी का स्वागत करना सम्मान की बात है, दोनों देशों के बीच संबंध बहुत ही अच्छे हैं। हमारे लिए एक देश के तौर पर दुनिया में आजादी, लोकतंत्र और स्थिर समुद्री मार्ग का संदेश देना महत्वपूर्ण हो जाता है।' उन्होंने कहा कि समुद्री मार्ग के लिए मुंबई बहुत ही अहम है और यह एक समुद्री शहर है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही भारत के विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने जर्मनी के चीफ ऑफ नेवल स्टाफ वाइस एडमिरल स्कॉवैच का स्वागत किया था। बाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिनदम बागची ने ट्वीट करके बताया था कि दोनों के बीच बातचीत का फोकस समुद्री सुरक्षा में सहयोग को लेकर था, जो हालिया भारत-प्रशांत गाइडलाइंस पर आधारित था।