BARC ने टेलीविजन रेटिंग्स को तीन महीने के लिए किया निलंबित
BARC ने टेलीविजन रेटिंग्स को तीन महीने के लिए किया निलंबित
नई दिल्ली। बार्क (BARC) टेलीविजन रेटिंग्स को तीन महीने के लिए किया निलंबित कर दिया है। बार्क जिसे ब्राडकास्टिंग रिसर्च काउंसिल इंडिया कहा जाता है वो टीआरीपी को आंकने का काम करती है। ये एजेंसी टीआरपी को आंकने के लिए देश के अलग-अलग शहरों में बैरोमीटर लगाती है। पूरे देश में 40 हजार बैरोमीटर लगाए गए हैं और लगभग दो हजार बैरोमीटर मुंबई में लगाए हैं। बार्क के इस फैसले के अनुसार आगामी तीन महीनों तक वो टेलीवीजन चैनलों की रेटिंग नहीं करेगी।
गौरतलब है कुछ दिनों पूर्व मुंबई पुलिस ने तीन चैनलों द्वारा टीआरपी में घोटाला करने का खुलासा किया था। इस सबंध में मुंबई पुलिस रिपब्लिक टीवी के सीईओ समेत अन्य अधिकारियों से पूछताछ भी कर चुकी है। वहीं मुंबई पुलिस द्वारा कुछ दिनों पर किए गए टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (TRP) घोटाले के खुलासे को लेकर आज यानी 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने मुंबई पुलिस की जांच को चुनौती देने वाली रिपब्लिक टीवी की याचिका को आज खारिज कर दिया दिया। न्यायालय ने रिपब्लिक टीवी को बॉम्बे हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है, अब इस मामले की सुनवाई बॉम्बे हाई कोर्ट में होगी।
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क्यों चैलनों के लिए जरुरी है टीआरपी
बात दें टीआरपी का फुल फॉर्म होता है टेलीविजन रेटिंग पॉइंट। टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स किसी भी टेलीविज़न कार्यक्रम की लोकप्रियता और उसकी दर्शक संख्या का अनुमान लगाने का एक तरीका है। किसी तय समय पर किसी चैनल या टीवी शो को औसतन कितने लोग देख रहे हैं इस की गणना टीआरपी की सहायता से की जाती है। लगभग सभी चैनल की रेटिंग जानने के लिए बड़े शहरों में एक खास तरह का डिवाइस कुछ चुनिन्दा जगहों पर लगाई जाती है। इस डिवाइस को पीपलस मीटर कहते हैं। इसे बार्क नाम की संस्था कुछ जगहों पर लगाई जाती है। जिसे गुप्त रखा जाता है। इस मीटर के द्वारा एक-एक मिनट टीवी की जानकारी को मॉनीटरिंग टीम इंडियन टेलीविजन ऑडियंस मेजरमेंट तक पहुंचा दिया जाता है। जिसके विश्लेषण के बाद टीआरपी आती है।