BARC ने जवानों के लिए तैयार किया 'भाभा कवच', AK-47 जैसे घातक हथियारों की गोलियां भी होंगी बेअसर
नई दिल्ली: भारतीय सेना मौजूदा वक्त में कई चुनौतियों का सामना एक साथ कर रही है। एक ओर जहां लद्दाख, अरुणाचल और सिक्किम में एलएसी पर तनाव बरकरार है, तो वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान और आतंकी लगातार नापाक हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। इस दौरान गोलीबारी में कई जवान शहीद भी हो जाते हैं। जवानों की शहादत रोकने के लिए BARC ने नया कवच तैयार किया है, जो AK-47 की गोलियों को भी बेअसर कर सकता है।
मिधानी में हो रहा उत्पादन
दरअसल भारतीय जवानों का आए दिन दुश्मनों से सामना होता रहता है। ऐसे में भाभा एटमिक रिसर्च सेंटर (BARC) ने उनके लिए एक बुलेट प्रूफ जैकेट तैयार की है, जिसका नाम 'भाभा कवच' रखा गया है। ये जैकेट पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती है। साथ ही तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानी) में इसका उत्पादन किया जा रहा है।वहीं टेस्टिंग के लिए अर्धसैनिक बलों को ये जैकेट दी जा चुकी है।
बख्तरबंद गाड़ी भी हो रही तैयार
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस जैकेट के बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए तकनीकी को विकसित कर लिया गया है। मिधानी के चैयरमैन संजय कुमार झा ने कहा कि जो बुलेट प्रूफ जैकेट वो तैयार कर रहे हैं, उसको गृह मंत्रालय मान्यता दे चुका है। ये जैकेट एके-47 जैसे खतरनाक हथियारों की गोलियों को रोक सकती है। उनके मुताबिक ये जैकेट बीआईएस सेव 6 के मानक की है। जैकेट के अलावा वो बख्तरबंद गाड़ियां भी तैयार कर रहे हैं। इन गाड़ियों के टायर में गोली लगने के बाद भी वो 100 किलोमीटर का सफर आसानी से कर सकेंगी।
चीन के साथ बिगड़े रिश्ते
मई की शुरूआत में लद्दाख और सिक्किम में चीन ने घुसपैठ की कोशिश की थी। इस दौरान भारतीय सेना ने चीनी साजिश को नाकाम कर दिया। सिक्किम में तो मामला कुछ दिन बाद शांत हो गया, लेकिन लद्दाख में चार महीने से विवाद जारी है। हाल ही में पैंगोंग झील के पास दोनों देशों के सैनिकों में झड़प और हवाई फायरिंग भी हुई। जिससे तनाव ज्यादा बढ़ गया है। लद्दाख में कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर भारत और चीन के सैनिक एक दूसरे की फायरिंग रेंज में हैं। ऐसे में ये जैकेट काफी कारगर साबित होगी।
लद्दाख में उलझाकर कहीं अरुणाचल प्रदेश में कोई बड़ी साजिश तो नहीं रच रहा है चीन