लॉकडाउन के चलते 56 दिनों बाद घर लौटी बारात, दूल्हा बोला- हम तो स्वर्ग में आ गए
नई दिल्ली- एक बारात दूल्हे को लेकर शादी के लिए निकली तो लॉकडाउन में ऐसे फंस गई कि उसे अपने शहर लौटने में 56 दिन लग गए। इन 56 दिनों में उन बरातियों का कितना स्वागत-सत्कार हुआ होगा इसका तो अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दूल्हे ने कहा है कि अपने इलाके में लौटना स्वर्ग वापसी का अनुभव दे रहा है। लेकिन, परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है। 56 दिनों बाद लौटने पर भी अभी कम से कम 14 दिन इन्हें और क्वारंटीन में गुजारना होगा, इसके बाद ही दूल्हन को साथ लेकर घर में घुसने की इजाजत मिलेगी।
56 दिनों बाद घर लौटी बारात
56 दिनों बाद एक बारात पश्चिम बंगाल से लौटकर हिमचाल प्रदेश पहुंची है। इतने दिनों तक यह बारात लॉकडाउन के चलते बंगाल में ही फंसी हुई थी। ये बारात पिछले 21 मार्च को पंजाब के नांगल डैम स्टेशन से कोलकाता जाने के लिए गुरुमुखी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सवार हुई थी और अगले दिन जब वहां पहुंची तो पूरा देश जनता कर्फ्यू मना रहा था। 30 साल के सुनील कुमार और संजोगिता की शादी तय कार्यक्रम के मुताबिक ही पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के काशीपुर गांव में 25 मार्च को संपन्न हुई, जिस दिन से देशभर में लॉकडाउन की शुरुआत हुई। बारात में कुल 17 लोग थे और 26 मई को उन सबका रिटर्न टिकट था, लेकिन रेल सेवाएं ठप हो जाने से बराती वहीं फंसी रह गई।
14 मई को वापसी के लिए हिमाचल से पहुंची बस
अगला 50 दिन उन बरातियों को वहीं के एक धर्मशाला में गुजारना पड़ा। सुनील कुमार के ससुराल वालों ने ही लॉकडाउन में उन सबके ठहरने के लिए धर्मशाला का इंतजाम किया और उन लोगों की हर मुमकिन मदद की कोशिश की। पेशे से इलेक्ट्रिशीयन सुनील ने बताया, "हमनें पश्चिम बंगाल के हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क की काफी कोशिश की, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। तब हमनें हिमाचल प्रदेश के मंत्री वीरेंद्र कंवर से संपर्क किया तो उन्होंने हमलोंगों के लिए राशन का इंतजाम करवाया।" इन लोगों की जान में तब जान आई जब प्रदेश सरकार से ई-पास मिलने के बाद ये लोग 14 मई को मालदा से वापस हिमाचल प्रदेश के लिए एक बस में सवार हुए। वह बस हिमाचल के सोलन से कुछ लोगों को मालदा लेकर आई थी।
कुल 70 दिनों का बारात यात्रा
लौटते
वक्त
1,850
किलोमीटर
की
लंबी
यात्रा
में
करीब
55
घंटे
लगे।
इस
दौरान
बरातियों
को
खुद
ही
रास्ते
में
अपने
लिए
खाना
बनाना
पड़ा।
यही
वजह
है
कि
हिमाचल
के
ऊना
जिले
के
बडोर
के
एक
होटल
से
दूल्हे
न
कहा
कि
"ऐसा
लगता
है
जैसे
स्वर्ग
में
वापस
लौट
आए
हैं।"
इस
होटल
में
दूल्हा
और
दुल्हन
समेत
सभी
18
सदस्यों
को
एक
ही
हॉल
में
क्वारंटीन
किया
गया
है।
सुनील
के
मुताबिक
"मेरे
पिता,
तीन
बहनें,
एक
मामी,
चार
बच्चे
और
कई
नजदीकी
रिश्तेदार
भी
बारात
के
हिस्सा
थे।
इनमें
से
ज्यादातर
लोग
इस
असाधारण
शादी
को
कभी
नहीं
भूलेंगे।"
दूल्हे
की
मां
बारात
में
नहीं
गई
थी,
इसलिए
वह
अपनी
मां
को
दूर
से
ही
सही
एक
झलक
देखना
चाहते
हैं।
इन
लोगों
का
सैंपल
जांच
के
लिए
लिया
जाना
है,
और
14
दिन
क्वारंटीन
में
गुजारने
के
बाद
इन
सबको
अपने
घर
वापस
जाने
दिया
जाएगा।
यानि
घर
पहुंचते-पहुंचते
यह
बारात
यात्रा
70
दिनों
की
हो
जाएगी।
(सभी
तस्वीरें
प्रतीकात्मक)
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