पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहली बरसी पर बेटी बांसुरी ने मां को किया याद, लिखी ये इमोशनल पोस्ट
नई
दिल्ली।
पूर्व
विदेश
मंत्री
सुषमा
स्वराज
के
निधन
को
आज
एक
साल
हो
गया
है।
पिछले
वर्ष
छह
अगस्त
को
एम्स
में
उनका
निधन
हो
गया
था।
सुषमा
की
बेटी
बांसुरी
ने
ट्विटर
पर
अपनी
मां
को
एक
इमोशनल
ट्रिब्यूट
के
जरिए
याद
किया
है।
बांसुरी
ने
अपनी
मां
को
शक्ति
का
रूप
बताते
हुए
भगवान
कृष्ण
से
उनका
ख्याल
रखने
को
कहा
है।6
अगस्त
2019
को
हार्ट
अटैक
की
वजह
से
पूर्व
विदेश
मंत्री
ने
67
वर्ष
की
आयु
में
उनका
निधन
हो
गया
था।
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हे कृष्ण मेरी मां का ख्याल रखना!
बांसुरी ने ट्वीट किया और लिखा, 'या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, या देवी सर्वभूतेषु मात्री रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।' इसके बाद उन्होंने आगे लिखा, 'मां तुम हमेशा मेरे साथ मेरी शक्ती के रूप में हो। हे कृष्ण मेरी मां का ख्याल रखना!' 6 अगस्त 2019 को हार्ट अटैक की वजह से पूर्व विदेश मंत्री ने 67 वर्ष की आयु में दम तोड़ दिया था। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने की खुशी मना रही बीजेपी के लिए सुषमा का निधन बड़ा झटका था। बीमारी की वजह से सुषमा ने पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव न लड़ने का भी ऐलान किया था। सुषमा को बीजेपी का सबसे कद्दावर नेता माना जाता था। सुषमा स्वराज 1970 के दशक से राजनीति में सक्रिय रहीं। वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी थीं।
पीएम मोदी की भरोसेमंद मंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब साल 2014 में जीत कर दिल्ली पहुंचे तो उन्होंने विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा पर भरोसा जताया। तीन दशकों से ज्यादा की राजनीति का अनुभव रखने वाली सुषमा ने भी पीएम मोदी को निराश नहीं किया। पीएम मोदी का सुषमा पर विश्वास इस कदर था कि साल 2015 से उन्होंने यूनाइटेड नेशंस की जनरल एसेंबली में भारत की तरफ से सुषमा को ही प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा। सुषमा ने इस मंच से हर मसले को दुनिया के सामने रखा। उरी आतंकी हमले के बाद इसी मंच से सुषमा ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। सुषमा, मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से सांसद थीं। पीएम मोदी ने उनके निधन के एक व्यक्तिगत क्षति करार दिया था।
कौन हैं बांसुरी स्वराज
बांसुरी, सुषमा और स्वराज कौशल की इकलौती बेटी हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। इनर टेम्पल से कानून में बैरिस्टर की डिग्री लेने के बाद अपने पिता की तरह क्रिमिनल लॉयर हैं। बांसुरी कौशल दिल्ली हाईकोर्ट और भारत के सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल लॉयर हैं। उनका नाम भी उनके माता-पिता ने भगवान कृष्ण की बांसुरी से प्रेरणा लेते हुए रखा था। बांसुरी साल 2015 में उस समय खबरों में आई थीं जब यह बात सामने आई थी कि तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा की बेटी बांसुरी आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की लीगल टीम में शामिल हैं। बांसुरी के पिता भी एक लॉयर हैं और वह मिजोरम के राज्यपाल भी रह चुके हैं।
चांद पर भी मदद का वादा करने वाली सुषमा
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के जाने से हर उस शख्स को तकलीफ हुई थी, जिसकी मदद उन्होंने बस ट्वीट पर अपील के बाद की थी। सुषमा ने साल 2018 में पाकिस्तान की जेल में बंद मुंबई के हामिद नेहाल अंसारी देश लौटने में मदद की तो मूक-बधिर गीता को भी उसके वतन से मिलवाया। साल 2017 में जब पाकिस्तान की कोर्ट ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई तो सुषमा ने पाक को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) तक में घसीट लिया। इस वर्ष जब चीन के वुहान से कोरोना वायरस महामारी में फंसे 600 से ज्यादा भारतीयों को निकाला गया तो लोगों को सुषमा का वह वादा याद आ गया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कोई मंगल पर भी फंस गया होगा तो वहां भी भारतीय दूतावास उसकी मदद करेगा।