उत्तराखंड के BJP प्रमुख चुने गए बंशीधर भगत, राम जन्मभूमि मामले में जा चुके हैं जेल
नई दिल्ली। उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के मुखिया की खोज अब खत्म हो गई है। गुरुवार को बीजेपी विधायक बंशीधर भगत को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। बता दें कि बीजेपी मुख्यिया के दावेदार में एकमात्र बंशीधर भगत का ही नाम था। नैनीताल के कालाढूंगी सीट से विधायक बंशीधर भगत अजय भट्ट की जगह लेगें। बीजेपी ने बंशीधर भगत को 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव और पार्टी में उनकी वरिष्ठता को देखते हुए यहा जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में बीजेपी नेता बंशीधर भगत 6 बार विधायक रह चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चुने जाने के लिए बंशीधर भगत के नाम पर सभी नेताओं ने सहमति जताई। बता दें इससे पहले देहरादून के बीजापुर गेस्ट हाउस में अध्यक्ष पद को लेकर एक बैठक हुई जिसमें दावेदार के रूप में कैलाश पंत और कैलाश शर्मा के साथ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, अजय भट्ट, अर्जुन मेघवाल मौजूद रहे। अध्यक्ष पद की दावेदारी से कैलाश पंत और कैलाश शर्मा के नाम वापस लेने के बाद बंशीधर भगत के नाम पर सहमति बनी। गुरुवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक अर्जुन मेघवाल ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए बंशीधर भगत के नाम का ऐलान किया।
Banshidhar Bhagat named Uttarakhand Bharatiya Janata Party (BJP) President. He is an MLA from the Kaladhungi assembly constituency of the state. (file pic) pic.twitter.com/aflkNb7g1h
— ANI (@ANI) January 16, 2020
कौन
हैं
बंशीधर
भगत
उत्तराखंड
के
नए
प्रदेश
अध्यक्ष
चुने
गए
बंशीधर
भगत
पूर्व
प्रधानमंत्री
अटल
बिहारी
के
विचारों
से
काफी
प्रेरित
हैं।
भगत
1975
में
जनसंघ
पार्टी
से
जुड़े
थे
और
किसान
संघर्ष
समिति
का
मोर्चा
भी
संभाला
था।
बता
दें
कि
1992
में
राम
जन्मभूमि
आंदोलन
के
दौरान
वह
23
दिन
अल्मोड़ा
जेल
में
भी
बंद
रहे।
वर्ष
1989
में
बंशीधर
भगत
को
नैनीताल-ऊधम
सिंह
नगर
जिले
का
अध्यक्ष
बनाया
गया।
1991
में
वह
पहली
बार
उत्तर
प्रदेश
विधानसभा
में
नैनीताल
से
विधायक
बने।
इसके
बाद
बंशीधर
भगत
1993
में
दूसरी
बार
और
1996
में
तीसरी
बार
नैनीताल
से
विधायिकी
जीती।