लोन चुकाने में मिली सहूलियत से बढ़ी बैंकों की चिंता, मंडराया NPA बढ़ने का खतरा
नई दिल्ली। कोरोनावायरस प्रेरित लॉकडाउन के बीच तनावग्रस्त कंपनियों को टर्म लोन की किस्तों पर स्थगन (under moratorium ) में विस्तार से निःसंदेह बड़ी राहत मिलेगी, लेकिन माना जा रहा है कि इस कदम बैंकों को एक झटका लगने की संभावना है। यह इसलिए, क्योंकि 2020-21 की दूसरी छमाही से उनकी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
विभिन्न बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार उनके बकाया ऋण का लगभग 25-30 फीसदी अब तक लोन के किस्तों में रोक और उसमें विस्तार के तहत आया है, जिसमें सूक्ष्म वित्त उधारकर्ता प्रमुख है, इसके बाद ऑटोमोबाइल वित्त, एमएसएमई, कॉर्पोरेट और खुदरा ऋण शामिल हैं।
बड़ी राहत: लॉकडाउन में घर खरीदने का सपना हो सकता है साकार, 15 सालों में सबसे सस्ता हुआ होम लोन
हालांकि भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक जैसे बड़े उधारदाताओं के लिए स्थगन के तहत ऋण 30 फीसदी से भी कम है।
बैंकों पर कोरोना का असर, दोगुना हो सकता है NPA का बोझ, अभी फंसे हैं 9.35 लाख करोड़ बैड लोन
गौरतलब है स्थगन के तहत ऋण के रूप में सर्वाधिक 71 फीसदी बंधन बैंक के लिए है, जो मुख्य रूप से सूक्ष्म इकाइयों को उधार देता है। उधारकर्ता स्थगत के तहत मूलधन और ब्याज भुगतान को चुन रहे है, जिसमें सभी माइक्रो-क्रेडिट ग्राहक शामिल है। इनमें 35 फीसदी एसएमई ग्राहक और 59 फीसदी एनबीएफसी-एमएफआई उधारकर्ता शामिल हैं।
RBI का बड़ा ऐलान, 3 महीने के लिए मोरेटोरियम बढ़ाया गया, EMI में राहत
आईसीआईसीआई बैंक में खुदरा सेगमेंट को ग्राहकों द्वारा अधिक चुना गया
आईसीआईसीआई बैंक के मामले में देखा गया कि स्थगन के तहत खुदरा सेगमेंट को ग्राहकों द्वारा अधिक चुना गया। इसके अलावा ग्रामीण, वाणिज्यिक वाहन और दोपहिया वाहन ग्राहकों द्वारा भी किस्तों में स्थगन को चुना गया है। कोटक महिंद्रा में भी होलसेल सेगमेंट की तुलना में खुदरा सेगमेंट में स्थगन बहुत अधिक (मूल्य के संदर्भ में) है। यानी कि अप्रैल 2020 से स्थगन के तहत ग्राहकों की मात्रा में वृद्धि हुई है।
अगले तीन महीनों के लिए समस्याओं का सामना करने की संभावना नहीं
अगले तीन महीनों के लिए बैंकों को स्थगन के तहत लोन की किस्तों में दी गई छूट से समस्याओं का सामना करने की संभावना नहीं है, क्योंकि नियामक से मिली छूट से एनपीए की मान्यताओं में उन्हें सितंबर तक राहत देगी।
सितंबर के बाद एनपीए में लगभग 10 लाख करोड़ हो जाएगी?
बैंकिंग उद्योग के सूत्रों ने कहा कि उम्मीद है कि सितंबर के बाद एनपीए में वर्तमान स्तर से लगभग 10 लाख करोड़ रुपए पहुंच जाएगी। बैंकिंग उद्योग के सूत्रों ने कहा कि आरबीआई ने खुद कहा है कि 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि "नकारात्मक क्षेत्र" में होने की संभावना है और महामारी के व्यापक प्रभाव शुरू में प्रत्याशित रूप से अधिक गंभीर हैं।
सितंबर के बाद पुनर्भुगतान के बाद एनपीए की वास्तविक तस्वीर मिलेगी
एक वरिष्ठ बैंकर ने कहा, सितंबर के बाद पुनर्भुगतान की बारीआएगी, तो हमें एनपीए की वास्तविक तस्वीर मिलेगी, लेकिन लोगों को आय में महत्वपूर्ण कमी को देखते हुए कहा जा सकता है कि एनपीए निश्चित रूप से बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि अभी व्यापक उद्योग सकल एनपीए का स्तर लगभग 10-11 फीसदी है मैं उम्मीद करता हूं कि अगले कुछ वर्षों में यह 15-16 फीरदी तक बढ़ जाएगा।
RBI ने बैंकों और NBFC को 3 महीने की अतिरिक्त मोहलत की अनुमित दी
बैंकरों ने ऋण के किस्तों में सहुलियत के मुद्दे को वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बैठकों में हरी झंडी दिखाई थी और एसबीआई के अध्यक्ष रजनीश कुमार के नेतृत्व में बैंकरों ने आगामी 31 अगस्त तक की मोहलत का विस्तार देने के आरबीआई के कदम का स्वागत किया है। गत शुक्रवार को RBI ने बैंकों और NBFC को एक और 3 महीने की मोहलत अर्थात 1 जून से 31 अगस्त, 2020 तक की अवधि के लिए 31 मार्च, 2020 तक बकाया ऋणों की किस्तों के भुगतान की अनुमति दी है।
बैंकों को उम्मीद है कि अधिक लोग स्थगन सुविधा का चयन कर सकते है
बैंकों को उम्मीद है कि और अधिक लोग स्थगन सुविधा का चयन कर सकते हैं, क्योंकि विमानन, पर्यटन, आतिथ्य, परिवहन और स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों न केवल वेतन में कटौती बल्कि छंटनी की संभावना है। MSMEs को सरकार द्वारा 3 लाख करोड़ रुपए के ऋण पर 100 फीसदी गारंटी के निर्णय से कुछ राहत मिली है।