जल्द ही बांग्लादेशी भी हो जाएंगे हम भारतीयों से अमीर, जानिए कैसे
नई दिल्ली- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि अगले पांच वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था या जीडीपी में 1.4 ट्रिलियन (14 खरब डॉलर) अमेरिकी डॉलर का इजाफा हो जाएगा। लेकिन, इसी अवधि में भारत से काफी छोटे पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की अर्थव्यस्था या जीडीपी 171 बिलियन (17,100 करोड़ डॉलर) अमेरिकी डॉलर के बराबर बढ़ेगी। लेकिन, दोनों देशों की अर्थव्यस्था के विकास दर में इतने भारी अंतर के बावजूद बांग्लादेशियों की प्रति व्यक्ति जीडीपी, भारतीयों की प्रति व्यक्ति जीडीपी से ज्यादा होगी। यह स्थिति 2020 में भी रहेगी और 5 साल बाद 2025 में भी देखने को मिलेगी। इसका सबसे बड़ा कारण है भारत की विशाल जनसंख्या जो चीन को भी पीछे छोड़ने के करीब है।
इस
साल
भारतीयों
से
बांग्लादेशी
अमीर
आईएमएफ
ने
दोनों
देशों
की
प्रति
व्यक्ति
जीडीपी
के
अनुमानित
आंकड़े
इस
तरह
से
निकाले
हैं-
पहले
राष्ट्रीय
करेंसी
के
रूप
में
उस
देश
की
जीडीपी
को
अमेरिकी
डॉलर
में
बदला
गया
और
फिर
उसे
संबंधित
देश
की
आबादी
से
विभाजित
कर
दिया।
इस
अनुमानित
आंकड़े
के
मुताबिक
भारत
की
प्रति
व्यक्ति
जीडीपी
मौजूदा
वित्त
वर्ष
(2020)
के
1,877
अमेरिकी
डॉलर
से
बढ़कर
2025
में
2,729
अमेरिकी
डॉलर
हो
जाएगी।
जबकि,
बांग्लादेश
की
प्रति
व्यक्ति
जीडीपी
अभी
के
1,888
अमेरिकी
डॉलर
से
बढ़कर
2025
में
2,756
अमेरिकी
डॉलर
हो
जाएगी।
इस
हिसाब
से
बांग्लादेशी
नागरिक
हम
भारतीयों
से
ना
सिर्फ
इस
साल
बल्कि,
पांच
साल
बाद
भी
ज्यादा
अमीर
होंगे।
5
साल
बाद
बांग्लादेशी
फिर
होंगे
भारतीयों
से
अमीर
भारत
के
नजरिए
से
ये
आंकड़े
दो
कारणों
से
चिंताजक
हैं।
पहला,
इससे
जाहिर
होता
है
कि
इस
साल
भारत
बांग्लादेश
से
प्रति
व्यक्ति
जीडीपी
में
इसलिए
पिछड़
रहा
है,
क्योंकि
भारतीय
अर्थव्यस्था
(जीडीपी
के
विकास)
में
दहाई
अंकों
की
गिरावट
(-10.3%)
होने
का
अनुमान
है,
जबकि
बांग्लादेश
की
जीडीपी
में
3.8%
के
विकास
होने
का
अनुमान
है।
इससे
यह
संकेत
मिला
है
कि
कोविड-19
महामारी
ने
बांग्लादेश
के
मुकाबले
भारतीय
अर्थव्यस्था
को
बहुत
ही
ज्यादा
नुकसान
पहुंचाया
है।
दूसरा,
पांच
साल
बाद
भी
प्रति
व्यक्ति
जीडीपी
के
लिहाज
से
बांग्लादेश
के
हमसे
आगे
निकलने
का
अनुमान
है,
इसका
मतलब
सिर्फ
इसी
साल
नहीं
आने
वाले
कई
वर्षों
तक
भारत
आर्थिक
तौर
पर
दबाव
में
रहने
वाला
है।
कोविड
ढा
रहा
है
भारतीय
अर्थव्यवस्था
पर
कहर
आईएमएफ
ने
अपनी
ताजा
वर्ल्ड
इकोनॉमिक
आउटलुक,
अक्टूबर
2020
में
दोनों
देशों
की
अर्थव्यवस्था
के
ट्रेंड
को
स्पष्ट
किया
है।
2017
से
भारतीय
जीडीपी
की
विकास
दर
में
लगातार
गिरावट
आई
है
और
इस
साल
तो
यह
निगेटिव
में
(दहाई
अंकों
से
)
रहने
का
अनुमान
है।
वहीं,
बांग्लादेश
की
जीडीपी
की
विकास
दर
2016
से
जो
बढ़नी
शुरू
हुई
है,
वह
पिछले
साल
तक
बरकरार
रही
है।
आईएमएफ
का
अनुमान
है
कि
2025
में
भारतीय
अर्थव्यवस्था
7.2%
की
रफ्तार
से
बढ़ेगी।
लेकिन,
बांग्लादेश
की
अर्थव्यस्था
7.3%
की
रफ्तार
से
बढ़ेगी।
लेकिन,
जब
बात
प्रति
व्यक्ति
जीडीपी
की
आएगी
तो
फासला
बहुत
ज्यादा
हो
जाएगा।
इसलिए
2015
से
लेकर
2019
तक
जहां
प्रति
व्यक्ति
जीडीपी
के
मामले
में
भारतीय
करीब
8
गुना
ज्यादा
आबादी
होने
के
बावजूद
बांग्लादेशियों
की
तुलना
में
ज्यादा
अमीर
थे,
लेकिन
कोविड
के
एक
ही
झटके
ने
बांग्लादेशियों
से
हमसे
अमीर
बना
दिया
है;
और
यह
दबाव
आगे
भी
जारी
रहेगा
और
2025
में
यह
स्थिति
फिर
से
दोहरागी।
2021
के
लिए
भारत
कर
सकता
है
उम्मीद
आईएमएफ
ने
भी
अर्थव्यवस्था
में
भारी
गिरावट
की
वजह
कोविड-19
को
ही
बताया
है।
इसकी
रिपोर्ट
के
मुताबिक
चीन
को
छोड़कर
सभी
विकासशील
अर्थव्यवस्था
का
भविष्य
अभी
अनिश्चित
ही
रहने
वाला
है।
इसमें
खासकर
भारत
के
बारे
में
बताया
गया
है
कि
महामारी
के
फैलते
रहने
से
इसके
कई
सेक्टर
बुरी
तरह
से
प्रभावित
हुए
हैं,
जिसमें
टूरिज्म
भी
शामिल
है।
इसलिए
दूसरी
तिमाही
में
अनुमान
से
कहीं
ज्यादा
नुकसान
हुआ
है
और
परिणामस्वरूप
अर्थव्यवस्था
में
इस
साल
10.3
निगेटिव
ग्रोथ
का
अनुमान
है,
जो
2021
में
एक
बार
फिर
से
8.8%
के
ग्रोथ
के
साथ
वापस
लौट
सकती
है।
जबकि,
बांग्लादेश
के
बारे
में
कहा
गया
है
कि
कोविड
से
इसे
भी
झटका
लगा
है,
लेकिन
उसकी
अर्थव्यस्था
उतनी
खराब
नहीं
थी,
जितनी
भारत
की
थी,
इसलिए
यह
काफी
हद
तक
मैनेज
हो
गई।
निर्यात
में
जितनी
गिरावट
भारत
में
आई
उतनी
बांग्लादेश
में
नहीं
और
निवेश
भी
भारत
की
तरह
स्थिर
नहीं
रहा।
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