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सिमी या अल उम्माह- किसने किया बेंगलुरु की चर्च स्ट्रीट पर धमाका?

By Ajay Mohan
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बेंगलुरु। सिमी या अल उम्माह? ये दो नाम हैं जो बेंगलुरु पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अध‍िकारियों की सूची में सबसे पहले चढ़ाये गये। क्योंकि जिस तरह आईईडी का इस्तेमाल चर्च स्ट्रीट में धमाके के लिये किया गया, उससे साफ है कि यह किसी ऐसे संगठन का काम है, जो बेंगलुरु को करीब से जानता है और समझ चुका है।

अल उम्माह संगठन से जुड़ी कुछ बातें

  • अल उम्माह वो संगठन है जो भाजपा और आरएसएस से गस रखता है और उसका कट्टर विरोधी है।
  • यह संगठन तमिलनाडु का संगठन है, जिसकी जड़ें दक्षि‍ण के कई राज्यों में तेजी से फैल रही हैं।
  • इस संगठन का जन्म 1992 में तब हुआ था बाबरी मस्ज‍िद ढहायी गई थी।
  • बाबरी विध्वंस के बाद कुछ लोगों ने भाजपा और आरएसएस के ख‍िलाफ इस संगठन को खड़ा किया।
  • संगठन के मुख्य संस्थपक सैय्यद अहमद बाशा और एच जवाहिरुल्लाह थे। इन्हीं दोनों ने कोयंबटूर धमाकों की साजिश रची।
  • अल उम्माह संगठन तमिल नाडु सरकार द्वारा प्रतिबंध‍ित है।
  • इस संगठन का हाथ कोयंबटूर धमाकों में भी था।
  • इस संगठन के निशाने पर हिंदू संगठन व हिंदू नेता रहते हैं।
  • सबसे पहला हमला चेन्नई में आरएसएस के दफ्तर के सामने धमाके के रूप में किया था, जिसमें 11 लोग मारे गये थे।
  • इस संगठन ने लाल कृष्ण आडवाणी को भी निशाना बनाने की कोश‍ि‍शें कीं।
  • इसी संगठन ने 2013 में बेंगलुरु में भाजपा कार्यालय के बाहर धमाका किया था।

अब जानिये सिमी के बारे में महत्वपूर्ण बातें

  • स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी इस वक्त ट्रांजीशन पीरियड में चल रही है।
  • प्रतिबंध लगने के बाद से इस संगठन के कई सदस्य अलग-अलग धड़ों में बंट गये हैं।
  • इसकी स्थापना पूर्व सरगना सफदर नागोरी ने की थी।
  • सफदर की गिरफ्तारी के बाद यह संगठन टूटने लगा, लेकिन कुछ युवाओं ने इसे फिर से खड़ा करने की ठानी।
  • इस वक्त इंडियन मुजाहिदीन के साथ मिलकर सिमी अपनी पहचान बनाने की कोश‍िश कर रही है।
  • सिमी भी हर तरह से अपनी उपस्थ‍ित‍ि दर्ज कराने के चक्कर में रहती है, इसके लिये छोटे-मोटे धमाकों का सहारा लेती है।
  • सिमी के दोबारा से संग‍ठित होने के बाद बोधगया में धमाका हुआ। उसके बाद पटना और फिर चेन्नई में धमाके।

किस पर गहराया शक

अल उम्माह और सिमी के बारे में इन जानकारियों के बाद लगभग साफ है कि बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट पर अल उम्माह का नहीं बल्क‍ि सिमी का हाथ है। हालांकि यह बात सिद्ध होना अभी बाकी है। सिमी पर शक इसलिये भी गहरा जाता है, क्योंकि चर्च स्ट्रीट धमाके में भाजपा या आरएसएस को मैसेच नहीं दिया गया। खैर धमाके के पीछे कौन है, इसका जवाब एनआईए की टीम जल्द ही खोज निकालेगी।

Comments
English summary
Looking at the ongoing investigations, it becomes clear that the police is focusing on two outfits believed to be involved in the Church Street blasts.
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