भोपाल: शादी से पहले प्री-वेडिंग फोटोशूट पर लगा बैन, डांस भी नहीं सीख सकती महिलाएं
नई दिल्ली। प्री-वेडिंग फोटोशूट कर कपल का सपना होता है, कई इसे शादी से पहले पूरा कर लेते हैं तो कई का यह सिर्फ सपना रह जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि 21वीं सदी में भी कई समुदाय ऐसे हैं जो शादी से पहले लड़का-लड़की के मिलने और फोटोशूट करने को गलत मानते हैं। मध्य प्रदेश से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है जहां अब प्रदेश में रहने वाले जैन और गुजराती समुदाय के लोगों पर प्री-वेडिंग फोटोशूट कराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पुरुष कोरियोग्राफर नहीं सिखाएगा डांस
इसके अलावा महिलाओं को बारात में डांस सिखाने के लिए पुरुष कोरियोग्राफर पर भी बैन लगा दिया गया है। दरअसल, मध्य प्रदेश में संस्कृति और परंपरा को बचाए रखने के लिए जैन और गुजराती समुदाय से जुड़े संगठनों ने यह फैसला लिया है। इस ऐलान के बाद अब शादी में प्री-वेडिंग फोटोशूट पुरुष कोरियोग्राफर पर बैन लगा दिया गया है। अगर किसी ने भी इस फैसले के खिलाफ जाकर शादी में यह सब कराया तो उसके परिवार का समाज से बहिष्कार कर दिया जाएगा।
प्री-वेडिंग फोटोशूट के चलन को रोकना है
भोपाल गुजरात समाज के अध्यक्ष संजय पटेल ने मीडिया को बताया कि शादी समारोह से पहले होने वाले प्री-वेडिंग फोटोशूट के चलन को रोकने के लिए हमने यह फैसला किया है। लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए समाज से जुड़े लोगों को घर पर पत्र भेजे जाएंगे। साथ ही उन्हें इस बात को लिए समझाना होगा कि महिलाओं के डांस कार्यक्रम में किसी पुरुष डांसर को न बुलाया जाए। संजय पटेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी फैसले की अनदेखी करेगा या उसके खिलाफ जाएगा तो समाज उसका बहिष्कार करेगा।
जैन गुरुओं ने दी प्रतिबंध की सालह
गुजराती समाज की तरह ही जैनियों ने भी शादी में प्री-वेडिंग फोटोशूट और पुरुष डांसर पर प्रतिबंध लगाया है। भोपाल जैन समाज के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु जैन बताते हैं कि हमारे धर्म गुरुओं ने अक्सर अपने प्रवचन में प्री-वेडिंग फोटोशूट को गलत बताया है, हमारे समाज में इसे अभद्र माना गया है, इसके अलावा कोई पुरुष डांसर महिलाओं को ट्रेनिंग दे यह भी गलत है। बता दें कि गुजराती और जैन समाज के फैसले को सिंधी समाज ने भी अपना समर्थन दिया है।
हुआ विरोध
गुजराती और जैन समाज के फैसले का विरोध भी होना शुरू हो गया है, युवावर्ग ने इस प्रतिबंध के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि यह निजी सोच का मामला है इसमें किसी संगठन को दखन नहीं देना चाहिए। जैन समाज की ही एक युवती ने कहा कि प्री-वेडिंग फोटोशूट शादी से पहले अपना यादों को संजोने का तरीका है। इसमे अभद्रता कहां है? उन्होंने कहा कि यह लोगों को मानसिक सोच है, इसको बैन नहीं किया जाना चाहिए।
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