प्याज के निर्यात पर फरवरी माह तक बढ़ाई जा सकती है पाबंदी
नई दिल्ली। देश में प्याज की लगातार बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी पाबंदी की सीमा को और कुछ समय तक के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि प्याज के निर्यात पर अगले वर्ष फरवरी माह तक पाबंदी रहेगी, जिससे कि देश में प्याज की कीमतें कम हो सके। जानकारी के अनुसार प्याज की नई फसल तैयार होने के बाद इसके दाम में कमी आ सकती है, जिसके बाद इसपर लगी निर्यात पाबंदी को हटाया जा सकता है।
फरवरी माह तक जारी रहेगी पाबंदी
बता दें कि यह पाबंदी दुनिया के सभी देशों पर प्याज निर्यात करने वालों पर लगाई गई है। बता दें कि प्याज के निर्यात पर सितंबर माह में पाबंदी लगा दी गई थी, बावजूद इसके प्याद के दामों में कमी नहीं हुई है। अक्टूबर और नवंबर माह में हुई बारिश और बढ़ा की वजह से देश में प्याज की बहुत सीमित उत्पादन हो सकता है। प्याज के उत्पादन में सबसे बड़ी कमी महाराष्ट्र में आई है, जहां सबसे अधिक प्याज की पैदावार होती है।
दाम कम होने पर हटेगी पाबंदी
मौजूदा समय में प्याज का थोक भाव 40 रुपए प्रतिकिलो है, जोकि पहले 55 रुपए प्रति किलो था। पिछले छह वर्षों की बात करें तो प्याज के दाम सबसे अधिक थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताय कि जब प्याज के दाम कम हो जाएंगे तो हम इसके निर्यात के बारे में फिर से विचार करेंगे। फिलहाल अभी यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जनवरी माह से प्याज की सप्लाई बढ़ेगी, ऐसे में जब प्याज 20 रुपए प्रति किलो के दाम पर आ जाएगा तो हम इसके निर्यात पर लगी पाबंदी को हटा सकते हैं।
महाराष्ट्र में प्याज की फसल को नुकसान
महाराष्ट्र के घोड़ेगांव के किसान सखाराम दारेकर ने बताया कि पिछले महीने काफी बारिश हुई थी जिसकी वजह से खेतों में पानी भर गया था और यह पानी काफी दिनों तक भरा रहा था जिसकी वजह से दो एकड़ की फसल खराब हो गई थी। एक अन्य किसान दिनेश खैरनार ने बताया कि मैं प्याज की खेती करना चाहता हूं लेकिन इसके बीज नहीं मिल रहे हैं। भारत में प्याज के निर्यात पर लगी पाबंदी के बाद बांग्लादेश और श्रीलंका को प्याज म्यांमार, मिस्र, टर्की और चीन से आयात करना पड़ रहा है।
इसे भी पढ़ें- जब लोकसभा में कांग्रेस सांसद से बोले स्पीकर ओम बिड़ला, राहुल गांधी आज छुट्टी पर हैं