Ayodhya Verdict के बाद राज ठाकरे को क्यों याद आए बालासाहेब ठाकरे?
नई दिल्ली। देश के सबसे बहुचर्चित कोर्ट केस अयोध्या राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद विवाद केस में शनिवार को फैसला आ गया है और इसके बाद अब तक विवादित रही जमीन पर रामलला विराजमान ही रहेंगे वहीं दूसरी तरफ सर्वोच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष को अलग से मस्जिद के लिए जमीन देने के निर्देश दिए हैं। पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले में एतिहासिक फैसला सुनाया है, बता दें कि इस बेंच ने लगातार 40 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद बीती 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
राज ठाकरे को याद आए बालासाहेब...
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मीडिया से कहा कि मैं देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं, अगर आज शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे जीवित होते तो सच में बहुत खुश होते।
राम मंदिर जल्द से जल्द बनना चाहिए: राज ठाकरे
दिवंगत बाल ठाकरे के भतीजे राज ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को तथ्यों और लोगों भावनाओं के आधार पर निर्णय देने के लिए धन्यवाद देता हूं, अब राम मंदिर जल्द से जल्द बनना चाहिए और रामराज्य स्थापित होना चाहिए। शिवसेना नेता संजय राउत ने राम मंदिर पर फैसला आने के बाद ट्वीट किया था कि पहले मंदिर फिर सरकार. अयोध्या में मंदिर, महाराष्ट्र में सरकार...जय श्रीराम.'
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खास बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन मंदिर बनाने के लिए दे दी है।
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाए।
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह तीन महीने के भीतर एक योजना बनाएं, जिसके मुताबिक, बोर्ड ऑफ ट्रस्टी तय किए जाएंगे।
- सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ा जमीन देने को कहा, यह जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड की अपील खारिज कर दी।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहाना और 1949 में मूर्तिया रखना कानून के विपरीत काम था।
यह पढ़ें: Ayodhya Verdict: SC के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगा सुन्नी वक्फ बोर्ड