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बाल ठाकरे की पुण्यतिथि: एक बार क्यों गिरफ्तार हुए थे शिवसेना के संस्थापक? जानिए

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नई दिल्ली- शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की सातवीं पुण्यतिथि पर रविवार को उन्हें उनकी पार्टी, बीजेपी और दूसरे दलों के नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी है। महाराष्ट्र की राजनीति में कभी उनका ऐसा दबदबा था कि कहते हैं कि उनके एक इशारे पर मानायनगरी पूरी तरह ठहर जाती थी। पिछले तीन दशकों से महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना और बीजेपी एक-दूसरे के साथ रहीं और दोनों ने मिलकर हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम किया। लेकिन, शिवसेना संस्थापक की इस पुण्यतिथि से कुछ दिन पहले प्रदेश से लेकर केंद्र तक की राजनीति में दोनों पार्टियों के बीच बहुत बड़ा फासला बन चुका है। अलबत्ता उनकी पुण्यतिथि पर बीजेपी नेताओं ने बाल ठाकरे को उसकी तरह आदर-सम्मान देने की कोशिश की है, जैसा कि वे हमेशा से करते रहे हैं। आइए जानते हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में क्यों खास है बाल ठाकरे का नाम?

बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि

बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि

शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे को रविवार को उनके बेटे उद्धव ठाकरे और बहू रश्मि ठाकरे और परिवार के अन्य सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी। उनकी सातवीं पुण्यतिथि के मौके पर शिवसेना की ओर से मुंबई के दादर स्थित शिवाजी पार्क में खास इंतजाम किए गए थे। इस मौके पर बड़ी संख्या में शिवसैनिक मौजूद हुए और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। गौरतलब है कि 17 नवंबर, 2012 को लंबी बीमारी के बाद 86 वर्ष की अवस्था में ठाकरे ने इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। ठाकरे को श्रद्धांजलि देने वालों में बड़ी तादाद में भाजपा के नेता भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने-अपने तरीकों से इस मौके पर उन्हें याद किया है।

कौन थे बालासाहेब ठाकरे ?

कौन थे बालासाहेब ठाकरे ?

अपने जमाने में बाल ठाकरे महाराष्ट्र में राजनीतिक और सामाजिक दोनों रूप से खास हैसियत रखते थे। मराठा राजनीति के सूत्रधार माने जाने वाले शिवसेना संस्थापक ने अपना करियर एक कार्टूनिस्ट के रूप में शुरू किया। उन्होंने अपना नजरिया सबके सामने रखने के लिए मराठी में अपनी एक साप्ताहिक 'मार्मिक' भी निकाली। उनकी पहचान मराठी समुदाय के लिए संघर्ष, पाकिस्तान विरोधी स्टैंड और हिंदुत्व के विचारधारा के घोर समर्थक के तौर पर रही है। उनके वक्त में शिवसैनिक भारत-पाकिस्तान मैच को रोकने के लिए क्रिकेट पिच को नुकसान पहुंचाने के लिए भी चर्चित होत रहे। 23 जनवरी, 1926 को पुणे में जन्मे ठाकरे ने मराठी मानूस के हितों की आवाज बुलंद करने के लिए 19 जून, 1966 को शिवसेना की स्थापना की थी।

एक बार क्यों गिरफ्तार हुए थे बाल ठाकरे ?

एक बार क्यों गिरफ्तार हुए थे बाल ठाकरे ?

स्थापना के बाद से ही महाराष्ट्र, खासकर मुंबई की राजनीति में शिवसेना ने अपना दबदबा कायम करना शुरू कर दिया था। मुंबई के शिवाजी पार्क में पार्टी ने अपनी पहली मशहूर दशहरा रैली 30 अक्टूबर, 1966 को आयोजित की थी। एक साल बाद पार्टी ठाणे म्यूनिसिपल काउंसिल के चुनावों से सक्रिय राजनीति में कूद पड़ी। 1968 के बीएमसी चुनाव में भी उसने कदम बढ़ाया और पहले ही चुनाव में 120 वार्डों में से 42 वार्ड जीत गई। 1969 में एक ऐसा वक्त भी आया जब उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन उप प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की गाड़ी मुंबई के माहिम में रोक दी थी। पार्टी महाराष्ट्र और कर्नाक सीमा विवाद में अपना विरोध जता रही थी। इसी के बाद पहली बार बाल ठाकरे को गिरफ्तार कर लिया गया था।

अलग-अलग वक्त में खूब चर्चा में रहे ठाकरे

अलग-अलग वक्त में खूब चर्चा में रहे ठाकरे

शिवसेना ने 1985-86 से हिंदुत्व के मुद्दे को जोर-शोर से उठाना शुरू किया। इससे पहले बाल ठाकरे की पार्टी 1975-77 के बीच इंदिरा गांधी सरकार की ओर से लगाई गई इमरजेंसी का समर्थन कर चुकी थी। आगे चलकर 1989 में पार्टी ने अपना मुखपत्र 'सामना' निकालना शुरू किया और उसी के जरिए प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में मुख्यतौर पर शिवसेना प्रमुख के नजरिए को जाहिर किया जाने लगा। 1992 में जब अयोध्या में विवादास्पद बाबरी मस्जिद गिराई गई तो बाल ठाकरे ने उसकी जिम्मेदारी भी खुद से स्वीकार की। 1998 में 92-93 के दंगों पर श्रीकृष्णा आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई, जिसमें बाल ठाकरे पर भी आरोप लगाए गए थे, लेकिन तत्कालीन मनोहर जोशी सरकार ने उस रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया। 1999 में ऐसा वक्त भी आया जब चुनाव आयोग ने उन्हें 6 साल तक मतदान करने और चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। 2007 में एक बार फिर ठाकरे कांग्रेस के साथ हो गए और उसकी राष्ट्रपति उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल की उम्मीदवारी का समर्थन कर दिया। जुलाई 2012 में भी उन्होंने प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन किया।

आत्म-सम्मान का महत्त्व सिखाया- फडणवीस

कभी महाराष्ट्र की राजनीति के प्रमुख किरदार माने जाने वाले बालासाहेब को श्रद्धांजलि देने वालों में बीजेपी के बड़े नेता भी पीछे नहीं हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उनका एक विडियो ट्वीट कर लिखा है- "बालासाहेब ने हमें आत्म-सम्मान का महत्त्व सिखाया।" वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बताकर अपनी ओर से उनका विनम्र अभिवादन किया है। उधर शिवसेना नेता सचिन अहीर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उन्होंने आज भले ही सम्मान जताया हो, लेकिन उन्हें अपने कर्मों से भी ऐसा करना चाहिए था। सचिन अहीर ने कहा कि अब हम बहुत दूर निकल आए हैं।

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English summary
Bal Thackeray was arrested in 1969 when Shiv Sena workers stopped the vehicle of the then Deputy Prime Minister during a demonstration in the Maharashtra-Karnataka border dispute
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