ये बंधन तो नाश का बंधन है, चोरों का संगम है, BJP ने कैराना में सेट किया 2019 का एजेंडा?
नई दिल्ली। यूपी के बागपत रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य बीजेपी नेताओं की उपस्थिति में ईस्टन पेरीफेरल एक्सप्रेस वे का उद्धाटन किया। इस दौरान वहां कार्यक्रम में विपक्ष पर निशाना साधते हुए, 'तबाही की एकता' और 'चोरों के बीच शादी' जैसे कई गाने बजाए गए। कैराना के साथ-साथ देश में हो रहे उपचुनावों के कुछ घंटे पहले बीजेपी द्वारा ये गाने जारी किए गए हैं। इन गानों को 2019 के चुनाव में बीजेपी के लिए तैयार किया गया है। कि कैसे बीजेपी एकजुट हो रही विपक्षी पार्टियों से मुकाबला करेगी।
गानों के जरिए विपक्ष की एकता पर बीजेपी का हमला
कल पीएम के कार्यक्रम के दौरान 'ये बंधन तो नाश का बंधन है, चोरों का संगम है।' 'कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने जैसे कुनबा हो जोड़ा' जैसे गाने बजाए गए। वहीं एक अन्य गीत में एक बताया गया कि कैसे मजबूरी में आकर पूरा विपक्ष एक हो गया है। इस सभी गानों को बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतों की धुन पर बनाया गया है। यहीं नहीं पीएम मोदी की तारीफ में नुसरत फतेह अली खान का प्रसिद्ध गाना रश्के कमर को एक नए अवतार में पार्टी ने उतारा है। गाने के बोल लिखे गए है कि, 'मेरे मोदी डियर, तू ने अंग्रेजों पर ऐसा जादू चलाया, मजा आ गया'। इस गीत में बताया गया कि, भाजपा बाघों से भरी हुआ है, जबकि मोदी शेर हैं।
इन गानों को रागिनी गायक संतराम बंजारा ने गाया है
कांग्रेस, बीएसपी की मायावती और समाजवादी पार्टी का मजाक उड़ाते हुए गीतों में दावा किया है कि, जो लोग 70 वर्षों में कोई विकास नहीं कर पाएं वे अभी भी ऐसा करने में सक्षम नहीं होंगे। इन गानों ने हरियावी गायक संतराम बंजारा उनकी बेटी चंचल और उनके ग्रुप ने गाया है। वे इस क्षेत्र में बीजेपी के सभी कार्यक्रमों में नियमित रुप से हिस्सा ले रहे हैं। बागपत में ये ग्रुप पार्टी के कार्यकर्ता के रुप में शामिल हुआ था। योगी आदित्यनाथ भाषणों में कहते है कि, हमने चार वर्षों में कोई काम नहीं किया है, फिर भी उन्हें(विपक्ष) लड़ने के लिए एक साथ आना पड़ा है।
पीएम मोदी भी विक्षप की एकजुटता पर कर चुके हैं वार
वहीं पीएम मोदी अक्सर कहते हुए सुने जा सकते हैं कि, 'आपको सावधानी से आकलन करना चाहिए कि उस तरफ किस तरह के लोग हैं और इस तरफ कौन हैं।' आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में कट्टर प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले बीएसपी और एसपी ने आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के फूलपुर को भाजपा से जीतने के लिए एकजुट हो गए थे। कर्नाटक के चुनावों में, बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद हार का स्वाद चखना पड़ा था। वहां पर भी कांग्रेस और जेडी (एस) राज्य ने गठबंधन कर अपनी सरकार बना ली थी।