राजनीति से संन्यास क्यों? बाबुल सुप्रियो बोले-'मैं कुछ नहीं कहना चाहता, प्लीज गरिमा बनाए रखने दें'
राजनीति से संन्यास क्यों? बाबुल सुप्रियो बोले-'मैं कुछ नहीं कहना चाहता, प्लीज गरिमा बनाए रखने दें'
नई दिल्ली, 1 अगस्त: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास लेने की शनिवार (31 जुलाई) को घोषणा की। बाबुल सुप्रियो ने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया पोस्ट से दी। बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि वह जल्द ही लोकसभा सांसद से इस्तीफा दे देंगे और सरकारी आवास खाली कर देंगे। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में बीजेपी से विरोधाभास का भी जिक्र किया है। लेकिन शनिवार को ही जब वह बाहर निकले तो पत्रकारों ने उनसे पूछा कि उन्होंने राजनीति से संन्यास की घोषणा क्यों की है? जिसपर किसी भी तरह से कोई भी टिप्पणी करने से बाबुल सुप्रियो ने इनकार कर दिया।
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मैं एक भी शब्द नहीं बोलना चाहता हूं: बाबुल सुप्रियो
बाबुल सुप्रियो ने कहा, ''मैं सच में इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। मेरे पास वास्तव में टिप्पणी करने के लिए कुछ नहीं है। कृपया मुझे अपनी गरिमा बनाए रखने दें। मैं एक भी शब्द नहीं बोलना चाहता हूं। मैं जो कहना चाहता था, मैंने लिखा है।''
मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होने वाला हूं: बाबुल सुप्रियो
बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास लेते हुए अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ''चलता हूं, अलविदा, अपने मां-पिता, पत्नी, दोस्तों से बात करके मैंने ये फैसला किया है कि मैं अब राजनीति छोड़ रहा हूं।''
बाबुल सुप्रियो ने कहा, ''मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहा हूं। टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआई (एम)...किसी ने मुझे नहीं बुलाया है, मैं कहीं नहीं जा रही हूं। मैं एक टीम के साथ रहने वाला खिलाड़ी हूं।''
क्या मंत्री पद हाथ से जाने पर बाबुल सुप्रियो ने छोड़ी राजनीति?
बाबुल सुप्रियो ने कहा, ''अगर कोई मुझसे से पूछे कि क्या मंत्री पद हाथ से जाना राजनीति छोड़ने से जुड़ा हुआ है तो मैं कहूंगा कि ये एक हद तक सच है। लेकिन चुनाव (पश्चिम बंगाल) शुरू होने से पहले से ही मेरे राज्य प्रभारियों के सात मतभेद थे। चुनाव से पहले ही मेरे पार्टी नेतृत्व में काफी विरोधाभास था। कुछ लोग इन घटनाओं को अक्सर उठा रहे थे, इसके लिए कुछ लोग जिम्मेदार थे और मैं भी उतना ही जिम्मेदार था।''
'मुझे लगता है कि ये सही फैसला होगा'
बाबुल सुप्रियो ने कहा, 5 सालों के अंदर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में एक लंबा सफर तय किया है। पहले सिर्फ मैं था और आज काफी नए नेता हैं। आज पार्टी में कई नए और शानदार नेता हैं। उनमें से कुछ युवा हैं और कुछ अनुभवी हैं। मुझे इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि उनके मार्गदर्शन में पार्टी पश्चिम बंगाल में बहुत आगे जाएगी। पार्टी के लिए आज कोई भी एक शख्स अहमियत नहीं रखता है। मुझे लगता है कि ये सही फैसला होगा।''