बर्थडे स्पेशल: चुनाव हारने के बाद आजकल क्या कर रही दंगल गर्ल बबीता फोगाट, जानिए तमाम दिलचस्प बातें
बेंगलुरु। दंगल गर्ल बबीता फोगाट आज अपना 30वां जन्मदिन मना रही हैं। 20नवंबर 1989 को छोटे से गांव भिवानी में फोगाट परिवार में बबीता कुमारी फोगाट का जन्म हुआ। कुस्ती के दम पर पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाने वाली रेस्लर बबीता पिछले कुछ समय से कुश्ती नहीं बल्कि अन्य कई मुद्दों की वजह से चर्चा में बनी हुई हैं। दरअसल पुलिस की नौकरी छोड़ भाजपा से हरियाणा विधान सभा में चुनाव हार चुकी बबीता ने अब अपने जीवन से जुड़ा अहम फैसला लिया है।
1 दिसंबंर को शादी के बंधन में बंधने जा रही है
बबीता 1 दिसंबर 2019 को शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं। जिसकी तैयारियों में बहुत व्यस्त हैं। बबीता ने हाल ही में यह खुलासा मीडिया के सामने किया था। बबीता ने नजफगढ़ के पहलवान विवेक सुहाग को अपना जीवनसाथी चुना हैं। शादी एक दिसंबर को चरखी दादरी के बलाली गांव में होगी। शादी के रीति रिवाज हरियाणवी होगें। वहीं रिसेप्शन 2 दिसंबर को दिल्ली में रखा गया है। बबीता ने फिल्म व खेल जगत की तमाम बड़ी हस्तियों को शादी समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा हैं। बबीता फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को भी शादी में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया हैं।
बबीता को रेस्लर बनाने में पिता का है अहम योगदान
बता दें बबीता अपनी सभी बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। पहलवानों के इस परिवार में सबसे बड़ी गीता हैं। गीता के बाद बबीता, ऋतु और फिर संगीता हैं। फोगाट बहनों के नाम से दुनियाभर में मशहूर ये पहलवान बहनें पूरे विश्व में न सिर्फ अपने माता-पिता का नाम रोशन कर रही हैं बल्कि देश का गौरव भी बढ़ा रही हैं। फोगाट बहनों को दुनियाभर में पहचान दिलाने वाला कोई बाहरी शख्स नहीं बल्कि खुद उनके पिता महावीर फोगाट हैं। बबीता कुमारी फोगाट के पिता महावीर फोगाट को पहलवानी का शौक था।
महावीर चाहते थे कि उनकी पत्नी को बेटा हो, लेकिन दूसरी बार भी उनको बेटी हुई। कुछ दिन तक वे इस गम को अंदर संभाले रखे, लेकिन बाद में उनका मन बदल गया और एक इरादा बन गया कि देश को गोल्ड दिलाना है तो दिलाना है फिर चाहे गोल्ड छोरा लाए या फिर छोरी। महावीर ने अपनी बेटियों को तराश कर हीरा बनाया।
चार बेटियों को विश्व स्तरीय पहलवान बनाने वाले महावीर फोगाट को भारत सरकार ने गुरु द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया था। बबीता फोगाट को रेस्लर बबीता कुमारी फोगाट बनाने में अहम योगदान उनके पिता का है, लेकिन बबीता ने कड़ी मेहनत और मजबूत इरादों से अपने विरोधियों को चारों खाने चित कर कई तमगे हासिल किए हैं।
अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है बबीता
फ्रीस्टाइल रेस्लर बबीता फोगाट ने अपने करियर में कुल 7 पदक जीते हैं, जिसमें 4 गोल्ड मेडल, 2 ब्रॉन्ज और एक सिल्वर मेडल शामिल है। सबसे पहले बबीता फोगाट साल 2010 में दिल्ली में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों से चर्चा में आईं। जिसमें उन्होंने रजत पदक जीता था। बबीता ने साल 2012 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। साल 2009 से 2013 तक किए गए प्रदर्शन के दम पर हरियाणा की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उनको हरियाणा पुलिस में सबइंस्पेक्टर की नौकरी दी।
उन्होंने 2014 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। बबीता की जीत का सिलसिला लगातार जारी रहा। 2013 में हुई एशियन चैंम्पियनशिप में भी बबीता को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था, जबकि 2009(जालंधर) और 2011(मेलबर्न) में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था। बबिता ने 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ इसके बाद 2018 में गोल्डकोस्ट में में एक बार फिर गोल्ड मेडल जीतकर पूरी दुनिया में भारत की पहलवानी का डंका बजाया। बबीता को शानदार प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं।
कुश्ती छोड़ राजनीति में भी अजमाईं किस्मत
गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के बाद ही बबीता फोगाट ने अपने कुश्ती के करियर से कूच करने का मन बना लिया। सिंतबर में बबीता फोगाट ने पिता के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ले ली। कुश्ती से दूर होने के बाद बबिता ने राजनीति में अपनी किस्मत अजमायीं । हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में फोगाट ने दादरी सीट से विधायक पद का चुनाव लड़ा। जिसके चलते बबीता को हरियाणा पुलिस में सब-इंस्पेक्टर की नौकरी बबीता ने छोड़नी पड़ी। भाजपा के उन्हें दादरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया था लेकिन वे हार गईं।
Haryana Election 2019: बबीता फोगाट से सनी देओल ने मांगी माफी, फिर पहलवान ने भी दिया जवाब