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बाबरी केस: जज ने सुनवाई के लिए मांगा अतिरिक्त समय, SC ने कहा- ना किया जाए रिटायर

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नई दिल्ली: साल 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस केस की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज एसके यादव ने इस मामले की सुनवाई के लिए और अधिक समय मांगा है। उनका कहना है कि इस केस की सुनवाई के लिए उन्हें 6 महीने का अतिरिक्त समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब तक एसके यादव इस मामले में कोई फैसला नहीं दे देते, उन्हें रिटायर ना किया जाए। जज एसके यादव ने सुप्रीम कोर्ट क पत्र लिखकर अतिरिक्त समय मांगा था।

जज को मिला 6 महीने का अतिरिक्त समय

जज को मिला 6 महीने का अतिरिक्त समय

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अत्यंत जरूरी है कि सीबीआई जज एसके यादव इस मामले की सुनवाई पूरी करें और फैसला सुनाएं। कोर्ट ने कहा कि हम हम अनुच्छेद 142 के तहत आदेश जारी करेंगे कि उन्हें 30 सितंबर को रिटायर न किया जाए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि वह नियम देखकर बताए कि किस प्रावधान के तहत सेशन जज की रिटायरमेंट की तय सीमा को बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट अब शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा।

इस साल अप्रैल तक पूरी होनी थी सुनवाई

इस साल अप्रैल तक पूरी होनी थी सुनवाई

गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को कहा था कि बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती पर साल 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप में मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा था कि इस मामले की रोजाना सुनवाई की जाए और ये दो साल के भीतर 19 अप्रैल 2019 तक पूरी की जाए। कोर्ट ने रायबरेली और लखनऊ की कोर्ट में पेडिंग इन दोनों मुकदमों को मिलाने और लननऊ में ही इसकी सुनवाई के आदेश दिए थे। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित 13 आरोपियों के खिलाफ इस मामले में आपराधिक साजिश के आरोप हटा दिये गये थे, लेकिन हाजी महबूब अहमद और सीबीआई ने बीजेपी नेताओं सहित 21आरोपियों के खिलाफ साजिश के आरोप हटाने के आदेश को चुनौती दी थी।

आरोपियों में से 8 की मौत

आरोपियों में से 8 की मौत

इस मामले के 21 आरोपियों में से आठ की मौत हो चुकी है। इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया गया था, लेकिन विध्वंस की योजना बनाने के आरोप से मुक्त किये गये 13 व्यक्तियों के खिलाफ ऐसा नहीं किया गया था। आडवाणी, जोशी और उमा भारती के साथ ही कल्याण सिंह, शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे और विहिप नेता आचार्य गिरिराज किशोर (दोनों दिवंगत) के खिलाफ साजिश के आरोप हटाये गये थे। कल्याण सिंह मौजूदा समय में राजस्थान के राज्यपाल हैं। जिन अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप हटाए गए हैं,उसमें विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया , सतीश प्रधान, सी आर बंसल, अशोक सिंघल(अब दिवंगत), साध्वी ऋतंबरा, महंत अवैद्यनाथ (अब दिवंगत), आर वी वेदांती, परमहंस रामचंद्र दास (अब दिवंगत), जगदीश मुनि महाराज, बैकुण्ठ लाल शर्मा 'प्रेम, नृत्य गोपाल दास (अब दिवंगत), धरम दास, सतीश नागर और मोरेश्वर सावे(अब दिवंगत) शामिल थे। इन सभी पर साजिश के आरोप थे।

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English summary
babari demolition case: Special judge wants more time to conclude trial from supreme court
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