क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बाबरी मस्जिद विध्वंस केस: जज ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी सुरक्षा, BJP नेताओं के खिलाफ चल रहा है केस

Google Oneindia News

नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद विध्वंस केस और दंगों के मामले में हर रोज सुनवाई कर रहे सीबीआई के स्पेशल जज ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर खुद के लिए सुरक्षा मांगी है। लखनऊ सीबीआई कोर्ट के जज एसके यादव ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखकर सुरक्षा का अनुरोध किया। उनके अपील पर सुप्रीम कोर्ट की दो जस्टिस वाली बैंच ने यूपी सरकार को इसकी जांच कर दो हफ्तों में जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने कहा जज की मांग सही थी।

जज ने मांगी पुलिस सुरक्षा

जज ने मांगी पुलिस सुरक्षा

इस केस की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मई 2017 से सीबीआई जज यादव के कोर्ट में सुनवाई चल रही है। दिसंबर 1992 में भीड़ द्वारा 16 वीं शताब्दी में बनी बाबरी मस्जिद को ढहाया गया था। इस मामले में दर्ज केस में रोज सुनवाई हो रही है। इसमें से एक रायबरेली का मामला है, जो 2017 तक एक मजिस्ट्रेट अदालत में अटका हुआ था। इसमें बीजेपी और संघ परिवार के नेताओं, इनमें लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी है, जिन पर लोगों को मस्जिद गिराने के लिए उकसाने का आरोप है। एक अन्य मामला लखनऊ का है। सुप्रीम कोर्ट ने इन दो मामलों की जब एक जगह सुनवाई का आदेश दिया तो जोशी और आडवाणी के खिलाफ दोबारा केस चलाने के आदेश दिए। साजिश के आरोपों का सामना कर रहे अन्य लोगों में पूर्व सांसद विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा शामिल हैं।

कोर्ट ने जज का कार्यकाल बढ़ाया

कोर्ट ने जज का कार्यकाल बढ़ाया

सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को विशेष जज का कार्यकाल मामले की सुनवाई पूरी होने तथा फैसला सुनाए जाने तक बढ़ा दिया था। दरअसल इस मामले को दो साल में पूरा किया जाना था। लेकिन बाद में स्पेशल जज ने मामले की सुनवाई के लिए 6 महीनों की मोहलत मांगी थी। कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि वो इसके लिए आदेश जारी करे क्योंकि जज यादव 30 सितंबर को रिटायर्ड होने वाले हैं। इस मामले में फैसला सुनाते हुए जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया कि जज 6 महीने में सुनवाई पूरी करेंगे।

आरोपियों में से 8 की मौत

आरोपियों में से 8 की मौत

इस मामले के 21 आरोपियों में से आठ की मौत हो चुकी है। इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया गया था, लेकिन विध्वंस की योजना बनाने के आरोप से मुक्त किये गये 13 व्यक्तियों के खिलाफ ऐसा नहीं किया गया था। आडवाणी, जोशी और उमा भारती के साथ ही कल्याण सिंह, शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे और विहिप नेता आचार्य गिरिराज किशोर (दोनों दिवंगत) के खिलाफ साजिश के आरोप हटाये गये थे। कल्याण सिंह मौजूदा समय में राजस्थान के राज्यपाल हैं। जिन अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप हटाए गए हैं,उसमें विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया , सतीश प्रधान, सी आर बंसल, अशोक सिंघल(अब दिवंगत), साध्वी ऋतंबरा, महंत अवैद्यनाथ (अब दिवंगत), आर वी वेदांती, परमहंस रामचंद्र दास (अब दिवंगत), जगदीश मुनि महाराज, बैकुण्ठ लाल शर्मा 'प्रेम, नृत्य गोपाल दास (अब दिवंगत), धरम दास, सतीश नागर और मोरेश्वर सावे(अब दिवंगत) शामिल थे। इन सभी पर साजिश के आरोप थे।

अयोध्या केस की भी हो रही है सुनवाई

अयोध्या केस की भी हो रही है सुनवाई

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ राम जन्मभूमि विवाद मामले की हर रोज सुनवाई कर रही है। अदालत मे एक मध्यस्थता पैनल का गठन किया था, जो इस मामले का हल अदालत से बाहर सौहार्दपूर्ण से निकाल सकें। इसके विफल रहने के बाद इस महीने से इस मामले की रोज सुनवाई हो रही है। ये सुनवाई विवादित स्थल के स्वामित्व को लेकर हो रही है। 1992 तक जहां बाबरी मस्जिद खड़ी थी,लेकिन हिंदुओं का दावा है कि यह भगवान राम का जन्म स्थल है।

ये भी पढ़े- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, दुनिया में मंदी, भारत की अर्थव्यवस्था मजबूतये भी पढ़े- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, दुनिया में मंदी, भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत

Comments
English summary
babari demolition case: CBI judge hearing case against BJP leaders seeks police protection
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X