बाबा रामदेव ने कहा- कोरोनिल और श्वासारी पर अब कोई बैन नहीं, ये दवाएं आज से पूरे देश में मिलेंगी
बाबारामदेव ने कहा- कोरोनिल और श्वासारी पर अब कोई बैन नहीं, ये दवाएं आज से पूरे देश में मिलेंगी
नई
दिल्ली।
कोरोना
के
मरीजों
के
लिए
पतंजलि
कंपनी
द्वारा
तैयार
की
गई
कोलोनिल
दवा
पर
उठे
विवाद
पर
योगगुरु
बाबा
रामदेव
ने
बुधवार
को
पत्रकार
वार्ता
की।
जिसमें
बाबा
रामदेव
ने
पतंजलि
की
कोरोनिल
दवा
को
लेकर
सफाई
दी।
उन्होंने
कहा
कि
कोरोना
के
इलाज
के
लिए
पतंजलि
की
कोरोनिल
और
श्वासारी
दवा
पर
कोई
कानूनी
बैन
नहीं
हैं,
अब
ये
कोरोनिल
किट
देशभर
में
उपलब्ध
हो
जाएगी।
उन्होंने
कहा
किक्लीनिकल
कंट्रोल
ट्रायल
की
पूरी
रिसर्च
और
सभी
दस्तावेज
आयुष
मंत्रालय
के
साथ
साझा
किए
गए
हैं।
बाबा
रामदेव
ने
कहा
कि
क्लीनिकल
ट्रायल
और
रजिस्ट्रेशन
दोनों
प्रक्रिया
में
नियमों
का
पालन
किया
गया
है।
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आयुष मंत्रालय को इस शब्द पर थी आपत्ति
रामदेव ने बताया कि आयुष मंत्रालय को क्योर शब्द पर आपत्ति थी कि आप क्योर शब्द इस्तेमाल मत कीजिए तो हमने उन्हें कहा ठीक है इसे कोविड क्योर नहीं कहकर कोविड मैनेजमेंट कहेंगे। मालूम हो कि रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने 23 जून को कोरोना ने कोरोना को ठीक करने वाली दवा का दावा करते हुए कोरोनिल और श्वासारि दवा लॉन्च की थी। इसके चंद घंटों बाद ही आयुष मंत्रालय ने इस दवा के विज्ञापन पर बैन लगा दिया था और पतंजलि से दवा के रिसर्च समेत अन्य सभी दस्तावेज मांगे थे।
क्या सिर्फ सूट-टाई वाले डॉक्टरों ने रिसर्च का ठेका लिया है
इसके बाद आज बुधवार को हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में 'कोरोनिल' को लेकर योगगुरू बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने पत्रकारों से बातचीत की। जिसमें बाबा रामदेव ने आरोप लगाया कि कुछ लोग उनके खिलाफ कैंपेन चला रहे हैं। हमने तय प्रक्रिया के तहत ही सारा ट्रायल किया है और किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। योगगुरु ने कहा कि क्या सिर्फ सूट-टाई वाले डॉक्टरों ने रिसर्च का ठेका लिया है, कोई बाबा काम नहीं कर सकता है।
आयुष मंत्रालय ने भी पतंजलि के प्रसास को सराहा
बाबा ने कहा जो पैरामीटर बनाए गए हैं, उसके अनुरूप ही ये रिसर्च की गई है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद बीमारियों को जड़ से खत्म करने की प्रक्रिया है। आयुष मंत्रालय ने भी कहा है कि पतंजलि ने कोविड के क्षेत्र में अच्छी पहल की है। इससे सभी विरोधियों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। बाबा रामदेव ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने कहा है पतंजलि ने कोविड-19 के मैनेजमेंट के लिए पर्याप्त काम किया है और अच्छी पहल की है। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने एक सही दिशा में काम कर रहा हैं।
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बाबा
ने
कहा
जो
पैरामीटर
बनाए
गए
हैं,
उसके
अनुरूप
ही
ये
रिसर्च
की
गई
है।
उन्होंने
कहा
कि
आयुर्वेद
बीमारियों
को
जड़
से
खत्म
करने
की
प्रक्रिया
है।
आयुष
मंत्रालय
ने
भी
कहा
है
कि
पतंजलि
ने
कोविड
के
क्षेत्र
में
अच्छी
पहल
की
है।
इससे
सभी
विरोधियों
के
मंसूबों
पर
पानी
फिर
गया
है।
बाबा
रामदेव
ने
कहा
कि
आयुष
मंत्रालय
ने
कहा
है
पतंजलि
ने
कोविड-19
के
मैनेजमेंट
के
लिए
पर्याप्त
काम
किया
है
और
अच्छी
पहल
की
है।
उन्होंने
कहा
कि
पतंजलि
ने
एक
सही
दिशा
में
काम
कर
रहा
हैं।
ड
बाबा ने कहा ये एक साम्राज्यवादी सोच है कि कैसे एक भगवा धारण करने वाला रिसर्च कर सकता है
बाबा रामदेव ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल के जो भी पैरामीटर्स हैं, उनके तहत हमने रिसर्च किया है। इसके अलावा 10 से ज्यादा बीमारियों पर हम ट्रायल कर रहे हैं और उसमें तीन लेवल पार कर चुके है। इसमें हापरटेंशन, अस्थमा, हार्ट, चिकुनगुनिया जैसे रोग शामिल हैं। जिन पर हम ट्रायल कर रहे हैं। बाबा रामदेव ने इस दवा का विरोध करने वालों पर निशाना साधा और कहा कि ये साम्राज्यवादी सोच है कि कैसे एक भगवा धारण करने वाला रिसर्च कर सकता है। एक ट्रायल से ही मॉडर्न मेडिकल साइंस में तूफान आ गया है। उन्होंने कहा कि अभी हम शोध को और आगे ले जाएंगे हम रुकेगे नही।
हमने मॉर्डन मेडिकल साइंस के तहत काम किया और करते रहेंगे
बाबा रामदेव ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने भी माना है कि कोविड मैनेजमेंट पर हमने काम किया है। अभी तक जो कार्य किए गए, वो आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोनिल के लिए गिलोय, अश्वगंधा तुलसी का सुनिश्चित कंपाउंड लिया गया। इनकी सुनिश्चित मात्रा के तत्वों को लेकर कोरोनिल तैयार की गई है। इसी तरह दालचीनी और अन्य से श्वासारी वटी को तैयार किया गया। इनके लाइसेंस अलग-अलग हैं, पर इनका एकसाथ प्रयोग किया गया। इन पर संयुक्त रूप से ट्रायल हुआ है। हालांकि, इनका रजिस्ट्रेशन और रिसर्च के प्रोसेज अलग-अलग हैं। हमने मॉर्डन मेडिकल साइंस के तहत ये काम किया गया है।