बाबा रामदेव की पतंजलि की बड़ी जीत, NCLT ने रुचि सोया के अधिग्रहण को दी मंजूरी
नई दिल्ली: योगगुरु के नाम से मशहूर बाबा रामदेव के लिए शुक्रवार को बड़ी खुशखबरी आई। पतंजलि ने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार रुचि सोया के अधिग्रहण की बाजी मार ली है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण(एनसीटीएल) ने रामदेव द्वारा संचालित पतंजलि आयुर्वेद को रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए 4,350 करोड़ रुपये की संशोधित बोली को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया पर बैंकों का 9,345 करोड़ रुपये का बकाया है।
बाबा रामदेव के लिए खुशखबरी
पतंजलि को मंजूरी देने के साथ ही एमसीटीएल का कहना है कि यह मंजूरी इस बात पर निर्भर करेगी कि रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को सुनवाई की अगली तारीख से पहले 600 करोड़ रुपये के कोष के सही स्रोत के बारे में सूचना देनी होगी। यह कोष भी बिड अमाउंट का हिस्सा है। इसकी अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी। ट्रिब्यूनल ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को आदेश दिया है कि वो सुनवाई की अगली तारीख से पहले कॉरपोरेट दिवाला निपटान प्रक्रिया की पूरी वास्तविक लागत का ब्योरा पेश करें।
2017 से चल रही है दिवाला प्रक्रिया
गौरतलब है कि एनसीएलटी ने रुचि सोया के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया दिसंबर 2017 शुरू की थी। ट्रिब्यूनल ने ये फैसला स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और डीबीएस बैंक की याचिका पर लिया था। रुचि सोया पर इनेंशियल क्रेडिटर्स का करीब 9345 करोड़ रुपये का कर्ज है। वहीं उस पर दूसरी तरफ ऑपरेशनल क्रेडिटर्स का 2750 करोड़ का बकाया भी है। फाइनेंशियल क्रेडिटर्स में सबसे अधिक एसबीआई का करीब 1800 करोड़ रुपये का बकाया है।
सकारात्मक कदम है
इस सौदे के बारे में पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है। उनका कहना हैं कि इससे स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि रुचि सोया के प्रमुख ब्रांडों में न्यूट्रिला, महाकोश, सनरिच, रुचि स्टार और रुचि गोल्ड शामिल हैं।
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