कभी आर्यराजा करते थे बाबा अमरनाथ की पूजा
जम्मू। वार्षिक अमरनाथ यात्रा शनिवार को शुरू हो गई। करीब 7,300 श्रद्धालु उत्तरी कश्मीर के बालटाल आधार शिविर से पवित्र गुफा के लिए रवाना हुए। तीर्थ यात्रियों का दूसरा जत्था भी राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ।
सालाना यात्रा की शुरुआत सिर्फ कश्मीर बालटाल मार्ग पर हुई है, क्योंकि दक्षिणी कश्मीर का पहलगाम मार्ग हिमपात की वजह से बंद है। एसएएसबी ने पहलगाम से गुफा के 39 किलोमीटर लंबे मार्ग की सफाई के लिए कर्मियों व मशीनों को तैनात किया है। पहलगाम मार्ग से यात्रा शुरू करने का फैसला एक जुलाई की बैठक में किया जाएगा।
वार्षिक अमरनाथ यात्रा शनिवार को शुरू हो गई
वार्षिक अमरनाथ यात्रा शनिवार को शुरू हो गई। करीब 7,300 श्रद्धालु उत्तरी कश्मीर के बालटाल आधार शिविर से पवित्र गुफा के लिए रवाना हुए।
आराम करते हुए भोले के भक्त
तीर्थ यात्रियों का दूसरा जत्था भी राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ।
आगे बाबा पीछे खाई
बाबा अमरनाथ की यात्रा अत्यंत ही जटिल मानी जाती है। बताया जाता है कि बाबा अमरनाथ के दर्शन के जिन रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है वह बहुत ही पथरीले हैं।
14 किलोमीटर की यात्रा
बालटाल आधार शिविर से पवित्र गुफा की दूरी 14 किलोमीटर है। तीर्थ यात्री उसी दिन यात्रा कर लौट सकते हैं।
1,93,000 तीर्थ यात्री
प्रत्येक साल 1,93,000 तीर्थ यात्री डेड़ महीने चलने वाली यात्रा के लिए पंजीयन कराते हैं।
श्रावण पूर्णिमा के दिन होता है यात्रा का समापन
इस यात्रा का समापन श्रावण पूर्णिमा के दिन 10 अगस्त को होगा। स्थानीय पुलिस, अर्धसैनिक बलों और सेना ने यात्रा के संबंध में तीन स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की है।
44 दिन की यात्रा
बाबा अमरनाथ की यात्रा 44 दिनों तक चलती है।