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इंजीनियरिंग के बाद नौकरी नहीं मिली तो अब ऐसे हर महीने दो लाख रुपए कमा रही 27 साल की ये लड़की

इंजीनियरिंग के बाद नौकरी नहीं मिली तो अब ऐसे हर महीने दो लाख रुपए कमाती है 27 साल की यह लड़की

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मेरठ। कठिन परिस्थितयों में बहुत से लोग टूट जाते हैं वहीं कुछ लोग मजबूत इच्‍छाशक्ति और कड़ी मेहनत से कामयाबी हासिल करते हैं। ऐसी ही मिसाल मेरठ की 27 साल की लड़की पायल अग्रवाल ने पेश की है। अव्‍वल नंबर में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाली पायल अग्रवाल को जब नौकरी नहीं मिली तो उसने लीक से हटकर काम चुना और अपनी लगन से वो आज की तारीख में अपने व्‍यवसाय से न केवल लाखों रुपये कमा रही बल्कि कई राज्यों के लोगों को प्‍लांट लगाने की मुफ्त ट्रेनिंग देकर समाजसेवा भी कर रही हैं।

यट्यूब से मिला बिजनेस का ये आइडिया

यट्यूब से मिला बिजनेस का ये आइडिया

दरअसल, मेरठ की मूल निवासी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के लिए कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहीं थीं। 2016 में बीटेक कम्पलीट करने के बाद अगले दो साल तक कॉम्पीटिटिव एग्जाम की तैयारी में लगी रहीं, लेकिन एग्जाम क्रेक नहीं कर पाई। वहीं एग्‍जाम की तैयारी के चक्कर में मल्‍टी नेशनल कंपनियों में मिली नौकरी का अवसर भी खो दिया। लेकिन नौकरी न मिलने पर पायल अग्रवाल मायूस नहीं हुईं उन्‍होंने कम लागत वाला कोई काम आरंभ करने का निर्णय लिया और ऐसे बिजनेस की ऑनलाइन तलाश शुरु कर दी। यू ट्यूब पर वर्मी-कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) बनाने का आइडिया ढूंढ़ा और इस काम में जुट गई।

पायल हर महीने कमा रही लगभग दो लाख रुपये मुनाफा,लोगों को दे रहीं रोजगार

पायल हर महीने कमा रही लगभग दो लाख रुपये मुनाफा,लोगों को दे रहीं रोजगार

पायल जब 22 साल की थी तब से अपने घर के गमलों के लिए केंचुए से जैविक खाद खुद ही तैयार करती थी। इस काम में रुचि थी इसलिए भी पायल ने अपनी रुचि के मुताबिक काम चुना। पायल ने दो लाख रुपये की लागत से ये काम शुरु किया था। पायल को ये काम करते हुए दो साल से ज्यादा हो चुके हैं। महीने में एक से डेढ़ से दो लाख रुपए का प्रॉफिट कमा रहीं हैं। यूट्यूब पर केंचुए से वर्मी कम्पोस्ट यानी कि जैविक खाद तैयार करने की आइडिया लेकर अपने पैरों पर खड़ी होने वाली पायल ने अपने इस बिजनेस के जरिए कई लोगों को रोजगार भी दिया है।

 कई राज्यों मे लगवा चुकी हैं वर्मी कम्पोस्ट की यूनिट, निशुल्‍क लोगों की कर रही मदद

कई राज्यों मे लगवा चुकी हैं वर्मी कम्पोस्ट की यूनिट, निशुल्‍क लोगों की कर रही मदद

इस बिजनेस में पायल अग्रवाल ने ऐसी महारत हासिल कर ली है कि वो हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, अलीगढ़, बरेली, महाराष्ट्र, आगरा, कश्मीर, जामनगर जैसे शहरों में कई किसानों और लोगों के लिए वर्मी कम्पोस्ट की यूनिट लगवा चुकी हैं। पायल ये सेवा लोगों को निशुल्‍क प्रदान कर रही है वो नई यूनिट लगाने के लिए केंचुआ सप्लाई करती हैं। पायल के पास स्किल्ड लेबर हैं, जहां भी यूनिट लगानी होती है, वहां उनका एक ट्रेंड लेबर जाते हैं और व्यक्ति को ट्रेनिंग देकर आ जाते है।पायलऑनलाइन भी वीडियो के जरिए लोगों को कंसल्ट करती हैं।

बंजर जमीन लीज पर लेकर महज 2 लाख से आरंभ किया ये बिजनेस

बंजर जमीन लीज पर लेकर महज 2 लाख से आरंभ किया ये बिजनेस

पायल बताती है कि उनके पास कोई जमीन नहीं थी इसलिए मेरठ के पास दतावली गांव में जमीन लीज पर ली। इस काम के लिए जमीन उपजाऊ हो या बंजर फर्क नहीं पड़ता। अगर बंजर जमीन होती है तो किराया और कम लगता है इसलिए पहले पायल ने डेढ़ एकड़ जमीन किराये पर ली थी, जिसका सालाना किराया 40 हजार रुपए था। उन्‍होंने बताया कि उनके भाई भाभी ने उनकी आर्थिक मदद की और कुछ उन्‍होंने लोगों से उधार लेकर काम शुरु किया। पायल ने इसकी शुरुआत वर्मी कंपोस्‍ट 30 बेड से शुरुआत की। पायल ने काली पॉलीथिन के दो रोल खरीदे , एक की कीमत ढाई हजार रुपए थी। खाद के लिए पानी की भी जरुरत थी बंजर जमीन पर पानी की व्‍यवस्‍था के 20 हजार रुपए का खर्च किया। पुराने जरनेटर को ठीक करवाकर बिजली की व्‍यवस्‍था की और खाद बनाने संबंधी औजार खरीदकर शुरुआत की।

हर महीने 20 से 25 टन खाद तैयार करवाती हैं पायल

हर महीने 20 से 25 टन खाद तैयार करवाती हैं पायल

पायल ने बताया कि खाद के लिए एक बेड तैयार करने में आठ से साढ़े आठ हजार रुपए का खर्चा आता है। 30 फीट लंबे और 4 फीट चौड़ाई वाले एक बेड में 300 रुपए की पॉलीथीन लगती है। 30 किलो केंचुआ लगता और 1500 किलो गोबर लगता है। पायल ने जब 26 बेड से इसकी शुरुआत की जिसमें दो लाख रुपये खर्च किए थे। उन्‍होंने बताया कि खाद की शेल्फ लाइफ एक साल की होती है तुरंत खाद न बिके तो इसमें घबराने की जरुरत नहीं है। पायल बताती हैं कि उनकी पहली खाद तैयार होने के 6 महीने बाद बिकी थी। उन्‍होंने बताया शुरुआती साल में जितनी लागत लगाई उतना ही कमाई हुई। नुकसान नहीं हुआ इसलिए हौसला बढ़ा और अब एक से डेढ़ लाख रुपए महीना की बचत कर रही हूं। कई बार दो लाख रुपए तक की भी बचत हो जाती है। पिछले डेढ़ साल से पायल को अपने बिजनेस में इतना प्राफिट हो रहा है कि पायल वर्तमान समय में अभी पायल के बाद 200 बेड हैं औ वो हर महीने 20 से 25 टन खाद बनाती हैं।

अब जैविक खाद बनाने के लिए तीन एकड़ जमीन की कर रही तलाश

अब जैविक खाद बनाने के लिए तीन एकड़ जमीन की कर रही तलाश

पायल अब तीन एकड़ जमीन की तलाश कर रही हैं जहां वो 500 बेड लगाकर खाद तैयार करवा सकें। पायल के मुताबिक, इस बिजनेस के लिए कोई विशेष स्किल की जरूरत नहीं। सामान्य समझ वाला कोई भी व्यक्ति इस काम को शुरू कर सकता है। पायल का कहना हैं आप कोई काम करना चाहते है तो चलना तो शुरु करिए क्योंकि आप जब चलना शुरु करेंगे तभी तो कही पहुंचेगें।

मध्‍यप्रदेश में इंजीनियरिंग-फॉर्मेसी की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 24 अगस्त से ऑनलाइन आयोजित होगी

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English summary
After engineering Payal Agarwal earns one and a half million rupees a month by making manure from earthworm
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