बी एस येदियुरप्पा ने कहा- कर्नाटक उपचुनाव में बागियों को मिलेगा भाजपा से टिकट
कर्नाटकः कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन से बागी विधायकों के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई 15 सीटों के लिए 5 दिसंबर को उपचुनाव होने हैं, जिसको लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बड़ा बयान दिया है। सोमवार को उन्होंने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों को राज्य में होने वाले उपचुनाव में लड़ने के लिए भाजपा से टिकट दिया जाएगा। येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि पूर्व विधायकों को टिकट देना हमारी जिम्मेदारी होगी।
येदियुरप्पा ने कहा 'उपचुनाव आ रहे हैं, 15 सीटों के चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा की गई है। अमित शाह ने कहा है कि जिन लोगों ने इस्तीफा दे दिया है और भाजपा से चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन सभी को सीटें दी जाएंगी। यह हमारी जिम्मेदारी है। अगर आप हमारी पार्टी से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो आपको उम्मीदवार बनाने में प्राथमिकता दी जाएगी। बीजेपी के कर्ता-धर्ता और आपकी जीत की जिम्मेदारी लेंगे।'
इसके अलावा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि 'उनके लिए अवसर बनाया जाएगा ताकि वे बागी विधायकों की जीत के लिए काम करें, जो पीर्टी के सत्ता में आने के लिए जिम्मेदार थे। बता दें कि तत्काली विधायकों के विरोध के चलते प्रदेश में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद ( एस ) सरकार को गिर गई थी। इसके बाद खाली हुई 17 सीटों में से 15 सीटों पर होने वाले उचुनाव की तारीख निर्धारित किए गए हैं।
रविवार को भाजपा विधायक उमेश कट्टी ने बयान दिया था कि उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा, जिसके बाद बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को बयान जारी किया। क्योंकि विधायक उमेश कट्टी के बयान के चलते विद्रोही खेमे में खलबली मच गई थी और येदियुरप्पा ने प्रतिक्रिया दी ताकि मामला आगे न बढ़े। शिकारीपुरा के अपने निर्वाचन क्षेत्र में संवाददाताओं से बात करते हुए, येदियुरप्पा ने कहा: "यह फैसला किया गया है कि आगामी उप-चुनावों में, जिन्होंने इस्तीफा दिया और भाजपा से खड़े होने की आकांक्षा जाहिर की है उनको भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित ने आश्वासन दिया है कि उन्हें टिकट दिया जाएगा और यह हमारी जिम्मेदारी है। "
येदियुरप्पा ने बागियों से अफवाहों को ज्यादा तूल न देने के लिए कहा और कहा कि वे पार्टी के उम्मीदवार होंगे। "चूंकि आपने हमारी पार्टी से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है, इसलिए हम यह सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी लेते हैं कि आप जीतें।" 2018 के विधानसभा चुनावों में 15 सीटों पर चुनाव लड़ने और हारने वाले कुछ भाजपा नेताओं ने बागियों को मैदान में उतारने के पार्टी के फैसले पर नाराजगी जताई थी।
येदियुरप्पा ने कहा कि ऐसे लोगों को राज्य द्वारा चलाए जा रहे बोर्ड और निगमों का प्रभार दिया जाएगा। 17 अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से एक पूर्व विधायक डॉ. के. सुधाकर ने भी सोमवार को कट्टी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि भाजपा सरकार ने बागियों के लिए अपना अस्तित्व खो दिया है। "यह हमारे बलिदान के कारण है कि उन्हें यह मिला है। लोगो ने इसे देखा है। हमने अपने विवेक के कारण यह निर्णय लिया।"
कांग्रेस और जेडी (एस) ने येदियुरप्पा के बयान को सबूत के रूप में बताते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने विद्रोहियों को ऑपरेशन लोटस में शामिल करने के लिए पैसा दिया था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने कहा, "यह पहले कोई रहस्य नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री ने अब रिकॉर्ड पर स्वीकार कर लिया है, इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है कि भाजपा गठबंधन सरकार को अस्थिर करने में शामिल थी।" विद्रोहियों द्वारा अयोग्यता को चुनौती दी गई है, और यह मामला 22 अक्टूबर को सुनवाई के लिए आने के लिए तैयार है।
गुंडू राव ने कहा कि पार्टी अपनी कानूनी टीम से येदियुरप्पा के बयान को सुप्रीम कोर्ट में अपने सबमिशन में शामिल करने के लिए कहेगी, जैसा कि पूर्व स्पीकर के.आर. रमेश कुमार के विद्रोहियों को अयोग्य घोषित करने का निर्णय उचित था। गठबंधन सरकार में रह चुके मंत्री और कुमारस्वामी के करीबी सहयोगी जेडी (एस) के सा.रा महेश ने कहा कि भाजपा को अब यह बताना होगा कि उसने कैसे दोषों को नियंत्रित किया। "अब यह स्पष्ट है कि पार्टी शामिल थी और येदियुरप्पा ने स्पष्ट कर दिया है कि 'ऑपरेशन' में केंद्रीय नेतृत्व का समर्थन था। उन्हें उन फंडों के स्रोत के बारे में बताना चाहिए जिनका उपयोग दलबदल के लिए किया गया था"।
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