भारत के सबसे बड़े दानवीर बने विप्रो के अजीम प्रेमजी, एक साल में किया 7 हजार करोड़ से भी ज्यादा का दान
नई दिल्ली। इतिहास में हम सब ने बड़े-बड़े दानवीरों के बारे में पढ़ा और सुना है लेकिन अगर आज के समय की बात करें तो बहुत कम ही ऐसे लोग हैं जो दानवीरों की सूचि में अपनी जगह बना पाते हैं। लेकिन वर्तमान समय में भारत में जब भी दानवीरों की बात आती है तो लिस्ट में सबसे ऊपर विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी का ही नाम आएगा। उनकी दरियादिली का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने एक दिन में 22 करोड़ रुपए और एक वर्ष में करीब 7904 करोड़ रुपए दान किया है।
देश के सबसे बड़े दानवीर अजीम प्रेमजी
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020 में देश के सबसे बड़े पूंजीपतियों में अजीम प्रेमजी ने सबसे ज्यादा धनराशि का दान किया। उन्होंने एक साल में 7904 करोड़ यानी दिन के 22 करोड़ रुपए रोज दान दिए। इस परोपकारी सूची में दिग्गज सूचना तकनीक कंपनी विप्रो के संस्थापक प्रेमजी ने पहला स्थान हासिल कर लिया है। हुरून रिपोर्ट इंडिया और एडेलगिव फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेमजी ने इस सूची में एचसीएल टेकभनोलॉजी के शिव नाडर को पीछे छोड़ दिया है।
एचसीएल टेकभनोलॉजी के शिव नाडर भी पीछे नहीं
जानकारी के मुताबिक अजीम प्रमजी से पहले शिव नाडर परोपकारी कामों के लिए दान देने वाले पूंजीपतियों में नंबर-1 के स्थान पर थे, लेकिन हाल ही में विप्रो के संस्थापक ने उन्हें बड़े अंतर से पछाड़ दिया है। नाडर ने वित्त वर्ष 2020 में 795 करोड़ रुपए दान किए वहीं, इससे एक साल पहले भी उन्होंने 826 करोड़ रुपयों का दान किया था। इस दौरान यानी 2018-19 में अजीम प्रेमजी, नाडर से पीछे रहे और उन्होंने 426 करोड़ रुपयों का दान किया।
अजीम प्रेमजी ने 175 फीसदी बढ़ाया दान
हालांकि इस साल वित्त वर्ष 2020 में अजीम प्रेमजी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, उन्होंने भारतीय उद्यमियों की तरफ से किए गए दान को 175 फीसदी बढ़ाते हुए 12,050 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया है। बता दें कि अजीम प्रेमजी एंडोमेंट फंड के पास विप्रो के प्रमोटर्स में करीब 13.6 फीसदी हिस्सेदारी है। एंडोमेंट फंड विप्रो में प्रमोटर के तौर पर मिलने वाली अपनी पूरी रकम लेने का अधिकार रखता है।
मुकेश अंबानी समेत इन्होंने किया इतना दान
वहीं भारत के सबसे अमीर उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी दानवीरों की सूची में तीसरे पायदान पर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 में 402 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2020 में भी 402 करोड़ रुपए परोपकार पर खर्च किए हैं। इसके अलावा विप्रो कंपनी की प्रतिद्वंद्वी इंफोसिस के तीनों सह संस्थापक भी दानवीरों की इस लिस्ट में शामिल हैं। इनमें 159 करोड़ रुपए नंदन नीलेकणि, 50 करोड़ रुपए गोपाल कृष्णन और 32 करोड़ रुपए एसडी शिबूलाल ने दान किए।
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