आजमगढ़ एयरक्राफ्ट क्रैश में हरियाणा के लाल कोणार्क शरन ने गंवा दी जान, ट्रेनिंग के बाद होने वाली थी शादी
Konark Sharan of Haryana lost his life in Azamgarh aircraft crash, was to be married after training
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में सोमवार सुबह हुए प्लेन क्रैश चार्टर्ड एयरक्राफ्ट के ट्रेनी पायलट कोणार्क शरन की मौत हो गई। हरियाणा के पलवन के रहने वाले कोणार्क शरन ने महज 21साल की उम्र में ट्रेनिंग के दौरान खराब मौसम के कारण एयरक्राफ्ट क्रैश होने के कारण जान गंवा दी। कोणार्क की मौत की खबर सुनकर उनके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। इस हादसे में पलवन ने एक होनहार बेटे को हमेशा के लिए खो दिया।
इतनी कम उम्र में कोणार्क ने 135 घंटे की हवाई उड़ान का अनुभव प्राप्त किया
हरियाणा के पलवन जिले के आदर्श कालोनी निवासी कोणार्क शरण अमेठी जिले के फुरसतगंज स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में पायलट का प्रशिक्षण ले रहे थे। महज 21 वर्ष की उम्र में कोणार्क ने 135 घंटे की हवाई उड़ान का अनुभव प्राप्त किया था। अमेठी के फुरसतगंज स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (IGRUA) से सोमवार सुबह 10:20 बजे ट्रेनी पायलट कोणार्क शरन ने TV-20 विमान से सोलो प्रशिक्षण के लिए उड़ान भरी थी। लगभग 11 बजकर 20 मिनट पर उनका यह विमान खराब मौसम की वजह से क्रैश हो गया। वह सोलो उड़ान पर थेऔर मौसम खराब होने के चलते एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। ट्रेनी पायलट का शव हादसे कुछ दूर खेत में मिला।
कोणार्क की ट्रेनिंग के बाद होने वाली थी शादी
कोणार्क के पिता रामशरण एयर इंडिया में कार्यरत रहे अब वो रिटायर हो चुके हैं। कोणार्क तीन बहनों के इकलौते भाई थे। कोणार्क की तीनों बहनें प्रतिभा, सुजाता और मीनाक्षी की शादी हो चुकी है और बहन मीनाक्षी एयर इंडिया में कार्यरत हैं। पायलट कोणार्क सरन की मौत की खबर सुनकर उनकी कालोनी और पैतृक गांव आल्हापुर में कोहराम सा मच गया। परिवार ने बताया कि कोणार्क की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद हम उनकी शादी करने वाले थे। माता-पिता और तीन बहनों के प्यारे भाई कोणार्क ने 12वीं पास करने के बाद यूनिवर्सिटी से बीटेक किया था।
कोणार्क की ट्रेनिंग की केवल 40 घंटे की उड़ान बाकी थी
बीटेक की पढ़ाई के बाद कोणार्क पायलट बनने का सपना पूरा करने के लिए अमेठी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में पायलट ट्रेनिंग के लिए करीब दो साल पहले एडमीशन लिया था। कोणार्क कमर्शियल पायलट लाइसेंस की ट्रेनिंग ले रहे थे। इसके लिए 200 घंटे की उड़ान भरनी होती है जिसमें से वह 135 घंटे एयरक्राफ्ट उड़ा चुके थे। सोमवार को वह सोलो उड़ान पर था और मौसम खराब होने के चलते एयरक्राफ्ट उड़ान के दौरान आजमगढ़ जिले के एक गांव में क्रैश हो गया। एयरक्राफ्ट क्रैश होने का कारण मौसम खराब होना और बिजली गिरना बताया जा रहा है।
टू-सीटर चार्टर्ड ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट उड़ा रहे थे कोणार्क
बता दें क्रैश होने से एयरक्राफ्ट कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गया और उसका मलबा गांव के कई खेतों तक फैल गया। पायलट का शव एयरक्राफ्ट के मलबे से करीब 300 मीटर की दूरी पर मिला। क्रैश होने की बहुत तेज आवाज सुनकर मौके पर स्थानीय लोग और पुलिस पहुंच गई और ट्रेनी पायलट के शव को मोर्चरी में रखवा दिया। ये विमान 11 बजे तक वाराणसी हवाई अड्डे की रडार में था, इसके बाद संपर्क कट गया था। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के अनुसार ये ट्रेनिंग के लिए प्रयोग किए जाने वाला टू-सीटर चार्टर्ड ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट है।ट्रेनिंग पायलट ने एयरक्राफ्ट में अकेले सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर उड़न भरी थी।
अमेठी के इंदिरा गांधी अकादमी से उड़ा एयरक्राफ्ट आजमगढ़ में क्रैश, ट्रेनी पायलट की मौत