तीन तलाक पर आजम खान की पत्नी ने भी की मोदी की मदद, जानिए कैसे
नई दिल्ली- राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने जब मंगलवार को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 पर पड़े सांसदों के वोट का आंकड़ा गिनाया तो सभी हैरान रह गए थे। सदन में बहुमत से काफी पीछे रहने और कई सहयोगी दलों का साथ नहीं मिलने के बावजूद भी सरकार के पक्ष में 99 और विपक्ष में सिर्फ 84 वोट पड़े थे। अब जैसे-जैसे सांसदों का ब्योरा सामने आ रहा है, तब पता चल रहा है कि मोदी सरकार ने नामुमकिन सी दिखने वाली कामयाबी कैसे हासिल की। ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि मायावती के बसपा सांसदों ने वोटिंग का बायकॉट तो कर ही दिया, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के आधे सांसद भी अहम मौके पर गायब हो गए।
सपा के 6 सांसदों ने वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा
तीन तलाक बिल का विरोध करने में जो पार्टी सबसे ज्यादा मुखर थी, उसमें समाजवादी पार्टी भी शामिल है। लेकिन, हैरानी की बात है कि पार्टी लाइन से अलग हटकर उसके 12 में से 6 सांसदों ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया। अखिलेश यादव की पार्टी के जो सांसद वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद नहीं थे, उनमें से पांच नाम सुखराम यादव, चंद्रपाल यादव, सुरेंद्र सिंह नागर, संजय सेठ और बेनी प्रसाद वर्मा का है। इंडियन एक्सप्रेस की खबरों के मुताबिक पार्टी सूत्रों ने संजय सेठ और बेनी प्रसाद वर्मा के बारे में कहा है कि वे लोग स्वास्थ्य कारणों से वोट डालने के लिए नहीं पहुंच सके।
आजम की पत्नी तजीन फातमा ने भी की मोदी की मदद
समाजवादी पार्टी के जिस छठे सांसद ने तीन तलाक बिल पर वोट नहीं डाला उनमें समाजवादी पार्टी के चर्चित लोकसभा सांसद आजम खान की पत्नी तजीन फातमा भी शामिल हैं। गौरतलब है कि लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल का विरोध करते हुए ही आजम खान ने पीठासीन महिला सांसद पर अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्हें सदन में माफी मांगनी पड़ी थी। पार्टी सूत्रों ने उनकी पत्नी तजीन फातमा के बारे में भी यही दलील दी है कि वो भी स्वास्थ्य कारणों से वोट नहीं डाल पाईं। वैसे यहां इस बात का जिक्र कर देना जरूरी है कि एक दिन पहले ही फातमा मीडिया के सामने अपने पति की अशोभनीय टिप्पणी पर उनका बचाव करती हुई देखी गईं थीं। जाहिर है कि अगर उन्होंने ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ में वोट नहीं डाला है तो सीधे न सही परोक्ष रूप से मोदी सरकार की मदद ही की है।
बसपा के चारों सांसदों ने भी नहीं डाला वोट
समाजवादी पार्टी के तो आधे सांसदों ने तीन तलाक बिल के खिलाफ वोटिंग की भी, लेकिन मायावती की बहुजन समाज पार्टी के चारों राज्यसभा सांसदों ने वोटिंग का बायकॉट किया। बीएसपी के जिन सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया, उनमें बहनजी के बेहद खास नेता सतीश चंद्र मिश्रा, राजाराम, वीर सिंह और अशोक सिद्धार्थ शामिल हैं। इस तरह से ट्रिपल तलाक के विरोध में पड़ने वाले सपा-बसपा के 10 महत्वपूर्ण वोट पड़े ही नहीं और इससे सरकार के लिए बिल पास कराना और ज्यादा आसान हो गया।
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