विवादित बयानों पर चुनाव आयोग सख्त, मेनका गांधी और आजम खान के प्रचार करने पर लगाई रोक
नई दिल्ली। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमा मायावती के उनके भड़काऊ भाषणों के चलते प्रतिबंधित करने के बाद अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान को कल सुबह से 72 घंटे के लिए प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया है। ये दोनों नेता किसी तरह की चुनावी रैलियों या चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
बता दें कि चुनाव आयोन ने आजम खान की ओर से रामपुर से बीजेपी उम्मीदवार जय प्रदा के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर यह प्रतिबंध लगाया है। आजम खान ने रैली में बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। चुनाव आयोग ने जांच में पाया है कि रामपुर से सपा उम्मीदवार आजम खान ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। आजम खान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि अधिकारियों से डरने की जरूरत नहीं है।
Election Commission bars Samajwadi Party (SP) leader Azam Khan from election campaigning for 72 hours starting from 10 am tomorrow, for violating Model Code of Conduct during his election campaign held in Rampur. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/a9GJl385Kk
— ANI (@ANI) April 15, 2019
दूसरी ओर मेनका गांधी पर भी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था। मेनका गांधी ने सुल्तानपुर में आयोजित एक रैली में मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए कहा था कि 'चुनाव तो मैं जीत रही हूं, आप भी वोट दे देना वरना फिर काम कराने आओगे तब देखना।' इन्ही सब बयानबाजी को लेकर चुनाव आयोग ने इन नेताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए एक निर्धारित समय के लिए चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है।
Election Commission bars Union Minister and BJP leader Maneka Gandhi from election campaigning for 48 hours starting from 10 am tomorrow, for violating Model Code of Conduct during her election campaign held in Sultanpur. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/XIFzCm2pQC
— ANI UP (@ANINewsUP) April 15, 2019
वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस, एसपी, बीएसपी को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंग बली पर विश्वास है। देवबंद में रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ यह बात मायावती के उस भाषण की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि जिसमें उन्होंने मुस्लिमों से सपा-बसपा गठबंधन को वोट देने की अपील की थीं।
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