एनकाउंटर से 'खाकी अंडरवियर' तक: आजम खान ने हमेशा लोगों को किया हैरान, पढ़ें उनका सियासी सफर
नई दिल्ली। रामपुर के नव निर्वाचित सांसद आजम खान ने रविवार को उस वक्त सबको हैरानी में डाल दिया जिस वक्त उन्होंने कहा कि वो सोच रहे हैं कि लोकसभा से इस्तीफा देकर विधानसभा का चुनाव लड़ लें, हालांकि उनके संसद से इस्तीफा देने की स्थिति में तो लोकसभा का चुनाव होगा, विधानसभा का नहीं, ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि आजम साल 2022 में होने वाले विधानसभा का चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं।
अपने बयान की वजह से सु्र्खियों में हैं आजम खान
यही नहीं आजम ने कहा कि प्रदेश में उन्हें रास्ते से हटाने के लिए हर तरह की कोशिश की गई। उन पर गंभीर आपराधिक इल्जाम लगाए गए। यहां तक कि उनकी हत्या का प्रयास भी किया गया था,वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब आजम खान अपने बयान की वजह से सु्र्खियों में हैं, वो अक्सर अपने काम से ज्यादा बयानों की वजह से न्यूज चैनलों और अखबारों में छाए रहते हैं।
चलिए विस्तार से जानते हैं रामपुर की पहचान बन चुके आजम खान के बारे में...
जन्म और शिक्षा
सपा के कद्दवार नेता और उत्तरप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके आजम खान का जन्म उत्तरप्रदेश के रामपुर में 14 अगस्त 1948 को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा रामपुर के बकर स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने रामपुर के सुंदरलाल इंटर कॉलेज से स्नातक और फिर 1974 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एलएलबी (ऑनर्स) की पढ़ाई पूरी की।
व्यक्तिगत जीवन
आजम की पत्नी का नाम ताजीन फातिमा है, उनके दो पुत्र अदीब खान और अब्दुल्लाह खान हैं। आजम खान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से ही कर दी थी।
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राजनीतिक जीवन
- साल 1976 में आजम खान ने जनता पार्टी ज्वॉइन की
- इन्हें आपात काल के दौरान मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था।
- साल 1980, 1985, 1989, 1991, 2002, 2007 और 2012 में राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य रहे।
- 1981-82 में संसदीय अनुसंधान, संदर्भ और राज्य विधानसभा की अध्ययन समिति के सदस्य थे।
- 1984-85 में राज्य विधानसभा के प्रत्यायोजित विधान समिति के सदस्य रहे।
- 1989 में वे उत्तरप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और 05 दिसंबर 1989 से 24 जून 1991 तक श्रम, रोजगार, मुस्लिम वक्फ़ और हज के लिए काम किया।
- 1993 में वे पुन: विधानसभा का चुनाव जीतकर यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।
- 1994 में आजम खान ने समाजवादी पार्टी को ज्वॉइन किया।
- 1996 से 2002 तक राज्यसभा सदस्य रहे।
- 1998 में श्रम मंत्रालय में कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने ।
- 2002 से 2003 तक उत्तरप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
- 2003 से 2007 तक संसदीय मामलों, शहरी विकास, जल आपूर्ति, शहरी रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन के कैबिनेट मंत्री बने।
- 2009 के 15वें लोकसभा चुनाव में सपा की उम्मीदवार जयाप्रदा के खिलाफ खड़े हुए और हार गए।
- इसके बाद सपा ने आज़म खान को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया, लेकिन 4 दिसंबर 2010 को पार्टी ने उनका निष्कासन रद्द कर दिया सपा में इनकी वापसी हुई।
- 2012 में अखिलेश यादव सरकार में वे कैबिनेट मंत्री बने।
- साल 2019 में इन्होंने रामपुर से एमपी का चुनाव लड़ा और भाजपा की जयाप्रदा को भारी मतों से पराजित कर दिया।
आजम के 'खाकी अंडरवियर' वाले बयान से मचा था बवाल
इस बार रामपुर का चुनाव आजम खान के विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहा। आजम खान ने भाजपा प्रत्याशी और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा को लेकर कई बार भद्दी बातें कहीं। चुनाव प्रचार के दौरान रामपुर में आजम ने कहा था कि जिसको हम उंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिनसे प्रतिनिधित्व कराया, उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगे। मैं तो 17 दिन में पहचान गया कि उनका अंडरवियर खाकी है।
चुनाव आयोग ने आजम खान के चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगाई थी
आजम खान ने अपने इस बयान पर बवाल बढ़ने के बाद सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि उनकी यह टिप्पणी दिल्ली में एक आरएसएस के नेता को लेकर थी। हालांकि इसका खामिजाया भी उन्हें भुगतना पड़ा। चुनाव आयोग ने आजम खान के चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगाई और महिला आयोग ने भी नोटिस दिया था।
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