केवल सप्लीमेंट के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती है कोरोनिल: उत्तराखंड के आयुष अधिकारी
उत्तराखंड के एक शीर्ष आयुष मंत्रालय के अधिकारी ने मीडिया को बताया कि पतंजलि की कोरोनिल दवा की केवल कोरोना वायरस को कम करने के सप्लीमेंट के रूप में मार्केटिंग की जा सकती है
नई दिल्ली। उत्तराखंड के एक शीर्ष आयुष मंत्रालय के अधिकारी ने मीडिया को बताया कि पतंजलि की कोरोनिल दवा की केवल कोरोना वायरस को कम करने के सप्लीमेंट के रूप में मार्केटिंग की जा सकती है, जैसे की सप्लीमेंट के तौर पर विटामिन सी, जिंक और विटामिन की अन्य गोलियां दी जाती हैं।
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पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले शुक्रवार को अपनी कोरोनिल टैबलेट को यह कहते हुए दोबारा लॉन्च करने की घोषणा की थी, सरकार द्वारा इसे कोविड -19 के उपचार में सहायक के रूप में अपग्रेड कर दिया है। इससे पहले इस दवा को इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में अनुमोदित किया गया था।
मंगलवार को उत्तराखंड में राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के निदेशक डॉ. वाई.एस रावत ने स्पष्ट किया कि कोरोनिल दवा को कोरोना वायरस से लड़ने में सहायक के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के उपचार के तौर पर इस दवा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मरीज को जल्द ठीक करने के लिए किसी भी बीमारी के समय विटामिन सी, जिंक या अन्य प्रकार की गोली दी जाती हैं। उसी प्रकार कोरोनिल को कोरोना होने पर सहायक दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है न कि प्रमुख दवा के तौर पर। रावत का दावा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पतंजलि आयुर्वेद का मुख्यालय हरिद्वार के उत्तराखंड शहर में है। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी को कड़ाई से कहा गया है कि वह यह दावा न करे कि कोरोनिल दवा कोरोना वायरस का इलाज है।