आयुष डॉक्टर कोरोना का इलाज नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा- आयुष डॉक्टर कोरोना का इलाज नहीं कर सकते
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि आयुष और होम्योपैथ डॉक्टर कोरोना का इलाज नहीं कर सकते हैं। ये डॉक्टर हर किसी को दवाएं लिखने की इजाजत नहीं दी जा सकती। ये डॉक्टर सिर्फ कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार से मंजूर मिश्रण और गोलियां लिख सकते हैं। आयुष मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हल्फनामें में ये भी कहा है कि ये डॉक्टर कोरोना के इलाज का दावा करने वाला कोई विज्ञापन भी नहीं कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पिछली सुनवाई में आयुर्वेद, होम्योपैथी और सिद्धा जैसी आयुष की वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों से कोरोना के इलाज की अनुमति दी जा सकती है या नहीं, और हां तो किस हद तक? इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट से लिखित में जवाब मांगा था। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ केरल हाईकोर्ट के 21 अगस्त के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर ये सुनवाई हो रही है।
दरअसल, आयुष मंत्रालय ने 6 मार्च को एक अधिसूचना जारी की थी। इसमें कहा गया था कि कोरोना के इलाज में राज्य सरकार अन्य पद्धतियों के साथ-साथ होम्योपैथिक को भी शामिल करने के लिए कदम उठाएं। केरल के एक वकील ने हाईकोर्ट में याचिका डालकर कहा कि आयुष मंत्रालय की इस अधिसूचना को लागू करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं.। हाईकोर्ट ने कहा कि आयुष डॉक्टर दवा तो लिख सकते हैं, लेकिन कोरोना के इलाज के रूप में नहीं बल्कि इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में ही लिख सकते हैं। जिसके बाद ये मामला सुप्राम कोर्ट में पहुंचा हैं।
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