आयुर्वेद से कोरोना वायरस का उपचार के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दिया यह जवाब
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोनो वायरस की रोकथाम और उपचार में आयुर्वेद की भूमिका का समर्थन किया। उन्होंने आयुर्वेद के प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुणों की तारीफ भी की। संडे संवाद के पांचवे एपिसोड में एक व्यक्ति ने हर्षवर्धन से पूछा कि आयुर्वेदिक उपचार को क्यों विभिन्न दावों के साथ विज्ञापित किया जा रहा था जब कोरोना उपचार के लिए आयुर्वेदिक प्रतिरक्षा बूस्टर की प्रभावशीलता पूरी तरह से साबित नहीं हुई है।
इसका जवाब देते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि आयुर्वेद में रोग प्रबंधन के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है जिसमें सालुटोजेनेसिस रोग की स्थिति और इसके रोकथाम के उपचार के लिए कारगर है। इसलिए कोरोना के खिलाफ रोगनिरोधी देखभाल के लिए आयुर्वेद उचित है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों के स्वास्थ्य संवर्धन और प्रतिरक्षा संशोधन के लिए प्राकृतिक आयुष उपचारों के समय-परीक्षण और साक्ष्य के उपयोग के बारे में सार्वजनिक सलाह को अवधारणा को बढ़ावा दिया है।
हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि सरकार ने अभी तक कोविड-19 वैक्सीन के लिए आपातकालीन प्राधिकरण देने पर कोई विचार नहीं किया है। इससे पहले लोगों की सुरक्षा के लिए वैक्सीन के ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण में के क्लीनिकल डाटा का इंतजार हो रहा है। जोखिम वाले समूह और संक्रमण के जोखिम वाले समूह को प्राथमिकता दी जाएगी। हर्षवर्धन ने कहा कि इसकी आशंका भी हैं कि कोरोना वैक्सीन सीमित मात्रा में ही सप्लाई होंगी। भारत जैसे बड़े देश में प्राथमिकता के आधार पर ही टीकाकरण की तैयारी जरूरी है, न कि एक लाइन से सबको टीका लगा दिया जाए। हर्षवर्धन ने कहा कि कई चीजें इसलिए सुनिश्चित की जा रही हैं ताकि जब उनकी जरूरत पड़े तो कोई दिक्कत न आए।