Ayodhya Verdict: जानिए हिंदुओं ने विवादित स्थल के बाहरी और आंतरिक प्रांगण में दावा क्यों जीता
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को कहा कि हिंदुंओ के विवादित स्थल के आतंरिक और बाहरी प्रांगण के दावों को सही पाया। कोर्ट ने कहा कि राम चबूतरा और धार्मिक महत्व की अन्य जगहों पर लंबी उपासना के आधार पर विवादित स्थल के बाहर के प्रांगण पर भी हिंदुओ का हक बनता है। कोर्ट ने कहा कि हिंदू गवाहों के मुताबिक मस्जिद के अंदर के लगे पत्थर के स्तंभोंकी पूजा करते आए हैं। मुस्लिम गवाहों ने मस्जिद के अंदर और बाहर दोनों जगह पर हिंदू धार्मिक महत्व के प्रतीकों की उपस्थिति को स्वीकार किया है।
कोर्ट ने कहा कि तीन गुंबदों की संरचना में प्रवेश केवल बाहरी प्रांगण के पूर्वी और उत्तरी किनारों के दो दरवाजों से किया जा सकता था। इसका हिंदू भक्तों के पास था। इन निष्कर्षों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि बाहरी प्रांगण में हिंदुओं के द्वारा पूजा की जाती रही है। ऐसा साल 1857 में ईटों की दीवार लगाने के बावजूद होता रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाहर प्रांगण पर हिंदूओं का कब्जा उनके नियंत्रण से जुड़ी घटनाओं के साथ स्थापित होता है। आंतरिक प्रांगण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 1857 में ब्रिटिश द्वारा अवध में शासन करने से पहले भी हिदुंओ द्वारा पूजा करने के सूबत है। मुसलमानों ने ये साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया कि वे 1857 से पहले आतंरिक संरचना उनके कब्जे में थे। जबकि इसका निर्माण सोलहवीं शताब्दी में हुआ था।
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