यूपी: भगवान राम की आपत्तिजनक तस्वीर WhatsApp पर शेयर करने के आरोप में एक गिरफ्तार
लखनऊ। अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला विराजमान को दिया था। वहीं, मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले से यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया अकाउंट्स की निगरानी तेज कर दी थी ताकि कोई भड़काऊ पोस्ट कर शांति भंग करने की कोशिश ना करे। इसी अभियान के तहत पुलिस ने संभल जिले से एक शख्स को गिरफ्तार किया है।
आपत्तिजनक फोटो शेयर करने पर संभल से एक गिरफ्तार
आरोप है कि इस शख्स ने व्हाट्सऐप ग्रुप में भगवान राम की आपत्तिजनक तस्वीर शेयर की थी। एसएसओ हयातनगर पुलिस स्टेशन, रविंद्र कुमार ने बताया कि हयातनगर के रहने वाले शख्स ने मंगलवार को एक व्हाट्सऐप ग्रुप में भगवान राम की आपत्तिजनक तस्वीर की, जिसके बाद धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, मंगलवार देर रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
सोशल मीडिया अकाउंट्स की हो रही निगरानी
एसएचओ ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर यूपी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग विंग फेसबुक, ट्विटर अकाउंट्स की निगरानी कर रही है। यूपी पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी और कहा था कि शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, फैसला आने के बाद हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखने की अपील की है।
शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
इसके पहले, शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि बाबरी मस्जिद खाली स्थान पर नहीं बनी थी और खुदाई में निकला ढांचा गैर-इस्लामिक था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विवादित स्थल पर 1856-57 तक नमाज पढ़ने के सबूत नहीं हैं। हिंदू इससे पहले अंदरूनी हिस्से में भी पूजा करते थे। हिंदू बाहर सदियों से पूजा करते रहे हैं। कोर्ट ने विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला विराजमान को देने का फैसला किया।