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Ayodhya Verdict: सुब्रमण्यम स्वामी बोले- अशोक सिंघल को मिले भारत रत्न, विजय के क्षण में करें याद

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नई दिल्ली: अयोध्या मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद लगातार राजनेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। हिंदुओं के पक्ष में कोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी के नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विजय के इस क्षण में विश्व हिंदू परिषद के अंतराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक सिंघल को याद करना चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार से कहा कि वो अशोक सिंघल को भारत रत्न देने का ऐलान करें।

स्वामी ने सिंघल ने मांगा भारत रत्न

स्वामी ने सिंघल ने मांगा भारत रत्न

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि विजय के इस क्षण में हमें अशोक सिंघल को याद रखना चाहिए और नरेंद्र मोदी सरकार तत्काल उन्हें भारत रत्न दे। गौरतलब है कि राम मंदिर निर्माण के लिए विहिप ने कई बार आंदोलन किया। अशोक सिंघल के नेतृत्व में वीएचपी ने इस मुद्दे को उठाया। साल 1989 में वीएचपी द्वारा अयोध्या में विवादित स्थल के पास किए गए राम मंदिर शिलान्यास के बाद इस मुद्दे को भुनाने के लिए सितंबर 1990 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने श्रीराम रथ यात्रा का आयोजन किया।

भगवान राम चाहते थे मंदिर बने

सुब्रमण्यम स्वामी ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि भगवान राम चाहते थे कि मंदिर को फिर से बनाने के लिए अनुमति दी जाए। जय श्री राम। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ (आरएसएस) की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि आरएसएस के मानवीय बुनियादी ढांचे के बिना राम आंदोलन इतने लंबे समय तक कायम नहीं रह सकता था।

कौन थे अशोक सिंघल?

कौन थे अशोक सिंघल?

गौरतलब है कि अशोक सिंघल हिंदुत्व विचारधारा के मुखर शख्सियतों में से एक हैं। वो राम मंदिर बनाने के लिए पक्ष में थे। करीब तीस सालों तक विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर रहे। उनके स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उनकी जगह प्रवीण तोगड़िया ने ली। उन्होंने साल 1984 में दिल्ली के विज्ञान भवन में एक धर्म संसद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य संचालक सिंघल ही थे। यहीं पर राम जन्मभूमि आंदोलन की रणनीति तय की गई। साल 1992 में विवादित ढांचा तोड़ने वाले कारसेवकों का नेतृत्व सिंघल ने ही किया था। कहा जाता है कि उन्होंने देशभर से पचास हजार कारसेवक जुटाए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि मुस्लिम पक्ष विवादित ढांचे पर अपना हक साबित नहीं कर पाया। पांच जजों ने सहमति से ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने विवादित जमीन पर रामलला का हक माना। इसके साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार ये जमीन दे।

ये भी पढ़ें- Ayodhya Verdict: SC के फैसले बाद शिवसेना ने कहा, पहले अयोध्या में मंदिर फिर महाराष्ट्र में सरकार

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English summary
Ayodhya Verdict: Subramanian Swamy remember VHP Ashok Singhal and demands Bharat Ratna
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