Ayodhya Verdict: नीतीश कुमार बोले- सभी को करना चाहिए कोर्ट के फैसले का स्वागत
नई दिल्ली। बहुचर्चित अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने का फैसला किया। साथ ही कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को दूसरे स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक दलों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए, यह सामाजिक समरसता के लिए फायदेमंद होगा, इस मुद्दे पर कोई और विवाद नहीं होना चाहिए, यही मेरी लोगों से अपील है।' केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा कि सभी को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करना चाहिए और शांति बनाए रखना चाहिए।
रामलला को दी जाएगी विवादित जमीन
सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 जजों की संविधान पीठ ने 40 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। शनिवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार तीन महीने में स्कीम लाए और ट्रस्ट बनाए। यह ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण करेगा। इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधि बनाया जाएगा।
Bihar Chief Minister Nitish Kumar on #AyodhyaVerdict: Supreme Court's judgement should be welcomed by everyone, it will be beneficial for the social harmony. There should be no further dispute on this issue, that is my appeal to the people. pic.twitter.com/WbSypWgoyI
— ANI (@ANI) November 9, 2019
फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस बात पर जोर दिया कि कानून, राजनीतिक विचारधारा, धर्म और आस्था से ऊपर है। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम रहा है। साथ ही कोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया। अदालत ने कहा कि मुस्लिमों की ओर से मस्जिद नहीं छोड़ी गई थी। हालांकि, हिंदुओं ने राम चबूतरा पर पूजा जारी रखा, लेकिन उन्होंने गर्भगृह पर स्वामित्व का भी दावा किया था।