Ayodhya Verdict: फैसले के बाद MIB ने जारी की टीवी चैनलों के लिए एडवाइजरी, दिया ये निर्देश
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित जमीन को लेकर चल रहे मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। 5 जजों की संविधान पीठ ने विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही दूसरे स्थान पर 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन देने का फैसला सुनाया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अयोध्या विवाद और फैसले को लेकर न्यूज चैनलों और केबल ऑपरेटरों को एडवाइजरी जारी की है।
एमआईबी ने टीवी चैनलों और केबल टीवी ऑपरेटरों से कहा है कि वे अयोध्या पर आए फैसले को लेकर किसी भी तरह की चर्चा, बहस और रिपोर्टिंग के दौरान प्रोग्राम कोड का सख्ती से पालन करें। मंत्रालय ने साथ ही चैनलों से किसी भी धार्मिक, धर्म या समुदाय को लेकर विवादित चीजों को प्रमोट करने से बचने को कहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सहित तमाम राज्यों में प्रशासन अलर्ट पर है।
इसके पहले, अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया। इस फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता है।
#AyodhyaVerdict: Ministry of Information and Broadcasting (MIB) issues advisory to all channels and cable TV operators to strictly adhere to the Programme Code during discussion, debates and reporting. pic.twitter.com/zZDeRmOSVo
— ANI (@ANI) November 9, 2019
Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले ASI के पूर्व आर्कियोलॉजिस्ट केके मोहम्मद
कोर्ट ने कहा कि मस्जिद को खाली जमीन पर नहीं बनाया गया था, खुदाई में जो ढांचा पाया गया वह गैर-इस्लामिक था। अयोध्या के संवेदनशील मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि ढांचा को गिराया जाना कानून का उल्लंघन था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को स्पष्ट किया है कि आस्था और विश्वास के आधार पर जमीन का मालिकाना का हक नहीं दिया जा सकता है।