Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों किया अपने फैसले में 1934 और 1949 के दंगों का जिक्र
नई
दिल्ली।
शनिवार
को
अपने
एक
एतिहासिक
फैसले
में
सुप्रीम
कोर्ट
की
पांच
जजों
की
बेंच
ने
अयोध्या
में
2.77
एकड़
की
पूरी
जमीन
हिंदु
पक्ष
को
सौंपने
का
आदेश
दिया।
पांच
जजों
का
संवैधानिक
पीठ
जिसकी
अगुवाई
मुख्य
न्यायधीश
रंजन
गोगोई
कर
रहे
हैं,
उसकी
ओर
से
विवादित
जमीन
राम
जन्मभूमि
को
देने
निर्देश
दिया
है।
बेंच
ने
इस
बात
को
पहचाना
कि
साल
1934
और
1949
में
हुए
दंगों
की
वजह
से
यह
जगह
विवाद
का
विषय
बन
गई
है।
सन्
1934
के
दंगों
के
बाद
1949
तक
मुस्लिमों
को
केवल
शुक्रवार
की
नमाज
पढ़ने
की
इजाजत
थी
और
वह
भी
पुलिस
संरक्षण
में।
ब्रिटिश सरकार ने लगाया 84,000 रुपए का जुर्माना
अयोध्या में गाय काटे जाने की एक घटना के बाद दंगे हुए थे और ढांचे को कुछ नुकसान पहुंचाया गया था। इससे यह बात भी साबित हुई कि पहले भी इस जगह पर हिंदू और मुसलमानों के बीच दंगे हो चुके हैं। उन दंगों के बाद ब्रिटिश सरकार ने इस इलाके में बसे हिंदुओं पर 84,000 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। 22 और 23 दिसंबर 1949 की रात विवादित ढांचे में रामलला के ‘प्रकट' होने के बाद इस मामले ने काफी तूल पकड़ा।
घायल हुए कई लोग
इससे पहले सन् 1934 में हुए सांप्रदायिक दंगों में कई लोग घायल हुए थे। 23 दिसम्बर 1949 के बाद ढांचों को प्रशासन ने सम्बद्ध कर लिया था। इसके तुरंत बाद अयोध्या के सब-इंसेप्क्टर राम देव ने एक एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद पांच जनवरी 1950 को इसकी देखरेख के लिए रिसीवर नियुक्त कर दिया गया था। 16 जनवरी 1950 को गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद के सिविल जज की अदालत में रामलला को नहीं हटाए जाने को लेकर इंजक्शन रेगुलर सूट नंबर 2 1950 , दायर किया था जिसे अस्थाई रूप से मंजूर करते हुए अदालत ने पूजा और दर्शन की अनुमति दी थी। फैजाबाद के जिला प्रशासन ने भी 19 जनवरी 1950 के अपने आदेश में पूजा-अर्चना यथावत रखने के आदेश दिए थे।
एक फरवरी 1986 को दिया अहम आदेश
फैजाबाद के अधिवक्ता उमेश पांडेय की याचिका पर वहां के जिला जज कृष्ण मोहन पांडेय ने एक फरवरी 1986 को विवादित ढांचे के गेट पर लगे तालों को खोलने का आदेश दिया था। अखाड़ा ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को कहा था कि कब्जा 'पूरी तरह उसका' है क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अखाड़ा को विवादित 2.77 एकड़ राम जन्मभूमि-बाबरी भूमि का एक-तिहाई आवंटित किया था।