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Ayodhya Verdict: कोर्ट के फैसले से असहमत: असदुद्दीन ओवैसी

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Asaduddin Owaisi Ayodhya Verdict पर Supreme Court के फैसले से नहीं सहमत, बताई ये वजह | वनइंडिया

नई दिल्ली। अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया। जबकि सर्वोच्च अदालत ने अयोध्या की विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने का फैसला सुनाया। इसके अलावा कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही दूसरे स्थान स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। अयोध्या पर कोर्ट के फैसले के बाद एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है।

असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा

असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सांसद असदुद्दीन ओवैसी संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'भारत के मुस्लिम को खैरात की जरूरत नहीं है। हमें संविधान पर पूरा भरोसा है, हम अपने कानूनी हक की लड़ाई लड़ रहे थे। हमें जमीन के प्रस्ताव को ठुकरा देना चाहिए।' औवैसी ने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हूं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकीलों ने भी कहा कि वे इस फैसले से सहमत नहीं हैं। हम मस्जिद के लिए जमीन खरीद सकते हैं।' ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस ने भी आज अपना असली रंग दिखा दिया है। अगर 1949 में मूर्तियों को नहीं रखा गया होता और तत्‍कालीन पीएम राजीव गांधी ने ताले नहीं खुलवाए होते तेा मस्‍जिद अभी भी होती। नरसिम्‍हा राव ने अपने कर्तव्यों का पालन किया होता तो मस्‍जिद अभी भी होती।

कमाल फारुकी बोले- 100 एकड़ जमीन भी दे दे तो कोई फायदा नहीं

वहीं, फैसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कमाल फारुकी ने कहा, 'इसके बदले हमें 100 एकड़ जमीन भी दे दे तो कोई फायदा नहीं है। हमारी 67 एकड़ जमीन पहले ही अधिगृहीत की जा चुकी है तो हमको दान में क्या दे रहे हैं वो? हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद 5 एकड़ जमीन दे रहे हैं, ये कहां का इंसाफ है? वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि यदि हमारी समिति सहमत होती है तो हम एक समीक्षा याचिका दायर करेंगे।

जिलानी बोले- फैसले का सम्मान लेकिन इससे संतुष्ट नहीं

जिलानी बोले- फैसले का सम्मान लेकिन इससे संतुष्ट नहीं

उन्होंने कहा कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन इससे संतुष्ट नहीं हैं। साथ ही उन्होंने फैसले को लेकर किसी तरह का प्रदर्शन ना करने की अपील भी की। इसके पहले, शनिवार को फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार तीन महीने में स्कीम लाए और ट्रस्ट बनाए। यह ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण करेगा। इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधि बनाया जाएगा। बता दें कि 40 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

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English summary
ayodhya verdict: asaduddin owaisi reacts Not satisfied with the verdict
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