अगर बाबरी मस्जिद गैरकानूनी है तो आडवाणी के खिलाफ क्यों केस चल रहा: असदुद्दीन ओवैसी
नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद एआईएमआईएम नेता और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपनी राय जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि मस्जिद के लिए हमे पांच एकड़ जमीन खैरात में नहीं चाहिए। ओवैसी के इस बयान की काफी आलोचना हुई थी। इस बीच ओवैसी ने एक बार फिर से कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अगर बाबरी मस्जिद गैरकानूनी थी तो आडवाणी के खिलाफ इसे गिराने का केस क्यों चल रहा है।
कोर्ट के फैसले पर खड़ा किया सवाल
ओवैसी ने कहा कि मैं यह समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर जिस व्यक्ति ने घर को तोड़ा उसे कैसे वही घर दिया जा सकता है। हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है लेकिन अचूक नहीं है। उन्हनोंने कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अगर एक एक व्यक्ति आपके घर को तोड़ देता है और आप अदालत के पास जाते हैं तो कोर्ट आपसे कहे कि आपको दूसरी जगह पर घर दिया जाएगा तो आपको कैसा महसूस होगा।
आखिर आडवाणी के खिलाफ केस क्यों चल रहा है
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि मेरा सवाल है कि आखिर आडवाणी और अन्य के खिलाफ बाबरी मस्जिद को गिराने का केस क्यों चल रहा है, अगर मस्जिद गैर कानूनी है। अगर बाबरी मस्जिद कानूनी थी तो इसकी जमीन आडवाणी को कैसे मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ओवैसी ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, इसके बाद उनकी कई लोगों ने आलोचना की थी। आलोचना करने वालों पर हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि यह मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है कि मैं कोर्ट के फैसले का विरोध कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को जमीन का प्रस्ताव देकर उन्हें शर्मिंदा किया गया है।
हमारे साथ भिखारियों की तरह बर्ताव ना करें
ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद पर हमारा कानूनी अधिकार है, हम जमीन के लिए नहीं लड़ रहे हैं, हमे कुछ चंदे में नहीं चाहिए। हमारे साथ भिखारियों की तरह बर्ताव मत करिए। हम इस देश के सम्मानित नागरिक हैं। इस दौरान ओवैसी ने उन वकीलों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने इस मामले में कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की पैरवी की। उन्होंने कहा कि 80 वर्ष की उम्र में भी राजीव धवन साहब ने घंटों हमारे लिए कोर्ट में बहस की। उन्हें शुक्रिया कहने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं।
ये हमारा देश है
भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद का केस लड़ना जरूरी था क्योंकि भाजपा और संघ परिवार के पास इस तरह के मस्जिद की लंबी लिस्ट है। ये संगठन कह रहे हैं कि उनके पास कोई लिस्ट नहीं है। अगर यह सच है तो ये लोग मथुरा और काशी का केस वापस क्यों नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों ने मुसलमानों के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ही सरकार के वक्त मस्जिद के भीतर मूर्ति रखी गई, उनके समय ही मस्जिद का ताला खोला गया और इसे गिरा दिया गया। उन्होंने सपा, बसपा, एनसीपी की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा किया है। ओवैसी ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद मुसलमान अपनी उम्मीद ना छोड़ें। उन्होंने कहा कि यह हमारा देश है और हम लोग फर्स्ट क्लास नागरिक हैं। मैं अपील करता हूं कि आप हर रोज नमाज अदा करें और राजनीति में हिस्सा ले, साथ ही हमारी पार्टी को अपना समर्थन दें।
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