असदुद्दीन पर बरसे बाबुल सुप्रियो, कहा-दूसरे जाकिर नाईक बनते जा रहे हैं ओवैसी
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कोलकाता। केंद्रीय मंत्री और मशहूर गायक बाबुल सुप्रियो ने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर तीखा निशाना साधा है, बाबुल ने ओवैसी के लिए Twitter पर लिखा है कि असदुद्दीन ओवैसी दूसरे जाकिर नाईक बनते जा रहे हैं, अगर वह जरूरत से ज्यादा बोलेंगे तो देश में लॉ ऐंड ऑर्डर भी है, मालूम हो सुप्रियो का ये ट्वीट ओवैसी के उस बयान के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुझे मेरी मस्जिद वापस चाहिए। यहां आपको ये भी बता दें कि जाकिर नाइक एक इस्लामिक उपदेशक हैं, जो अपने कई विवादित बयानों की वजह से चर्चित रहते हैं और उन पर कई मनी लॉन्ड्रिंग के केस चल रहे हैं और इस वक्त उन्होंने मलयेशिया में शरण ले रखी है।
ओवैसी ने दिया है विवादित बयान
दरअसल अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद से ही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सियासी बयान दे रहे हैं, अब उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि मुझे मेरी मस्जिद वापस चाहिए, इससे पहले जब 9 नवंबर को कोर्ट का फैसला आया था, तब ओवैसी ने कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरह हम भी फैसले से सहमत नहीं हैं, कोर्ट से भी चूक हो सकती है, जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया, उन्हें ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर बनाने का काम दिया गया है।
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असदुद्दीन ओवैसी पर दर्ज हुआ है केस
ओवैसी ने उस वक्त कहा था कि अगर वहां पर मस्जिद रहती तो सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेता। ये कानून के खिलाफ है, बाबरी मस्जिद नहीं गिरती तो फैसला क्या आता। हमें हिंदुस्तान के संविधान पर भरोसा है, हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे थे, पांच एकड़ जमीन की खैरात की हमें जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बयान देने के चलते असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से उनके खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया है।
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क्या था फैसला?
9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया था। निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही पक्षकार माना था। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को अतार्किक करार दिया। कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को कहीं और 5 एकड़ की जमीन दी जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बनाए और इसमें निर्मोही अखाड़े को भी शामिल किया जाए।
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