Ayodhya Verdict: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर SC ने कही ये बात
नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, 5 जजों की संविधान पीठ ने सुबह 10:30 बजे सर्वसम्मति से अपना फैसला दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन रामलला विराजमान को दी जाए, मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। चीफ जस्टिस ने मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने की बात कही है।
'इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला अतार्किक'
चीफ जस्टिस ने कहा कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है तो वहीं उन्होंने साल 2010 में आए इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित जमीन को तीन पक्षों में बांटने के फैसले को अतार्किक करार दिया है, उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने जो तीन पक्ष माने थे, उसे दो हिस्सों में मानना होगा।
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हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को 3 हिस्सों में बांटने के लिए कहा था
मालूम हो कि 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा रामलला विराजमान को मिले। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं।
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देश में हाई अलर्ट, स्कूल-कॉलेज बंद
मालूम हो कि शुक्रवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) की और से इस बारे में जानकारी दी गई थी। उसके बाद से देश में हलचल बढ़ गई थी। सभी राज्यों में पुलिस अलर्ट पर है और सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कर लिए गए हैं। खासतौर पर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। अयोध्या में धारा 144 लागू कर दी गई है। उप्र में स्कूल-कॉलेज सोमवार तक के लिए बंद किए गए हैं, वहीं मध्यप्रदेश व दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में शनिवार को स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।