Ayodhya to Sabarimala: CJI रंजन गोगोई- साढ़े 13 महीने का कार्यकाल, 47 फैसले, कुछ ने रचा इतिहास
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को कार्यमुक्त होने जा रहे हैं, वो इस पद पर साढ़े 13 महीने विराजमान रहें, हालांकि वो रिटायर तो शनिवार को हो रहे हैं लेकिन आज उनका आखिरी वर्किंग डे है। चीफ जस्टीस के तौर पर उन्होंने कुल 47 फैसले सुनाए, जिनमें से कुछ फैसले ऐतिहासिक रहे, वो हमेशा अयोध्या मामले, चीफ जस्टिस के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने, राफेल डील, सबरीमाला मंदिर, अंग्रेजी और हिंदी समेत 7 भाषाओं में फैसला और सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर प्रकाशित करने पर पाबंदी जैसे मामलों पर दिए गए फैसले के लिए याद रहेंगे।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनाए ये फैसले
जस्टिस गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश रहे, उनका जन्म 18 नवंबर, 1954 को डिब्रूगढ़ में हुआ था, उन्होंने डॉन बॉस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा अर्जित की और इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी की थी।
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असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे हैं जस्टिस गोगोई
जस्टिस गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी संभाली थी, वो इस कुर्सी पर बैठने वाले नार्थ ईस्ट से पहले व्यक्ति थे। असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था, उन्होंने संवैधानिक, कराधान और कंपनी मामलों में गुवाहाटी उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की थी। फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बनाए गए। 2011 में वो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस बने। अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट में आए।
कुछ खास बातें
दरअसल रंजन गोगोई 18 नवंबर को 65 साल के होने जा रहे हैं और भारतीय संविधान में चीफ जस्टिस के रिटायर होने की उम्र 65 साल है, इसलिए 18 नवंबर को रंजन गोगोई का चीफ जस्टिस पद से रिटायर होने के बाद पहला जन्मदिन होगा, उनके सुनाए गए कई ऐतिहासिक फैसलों को ये देश कभी भी भूल नही पाएगा।
- अयोध्या मामला:- इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली 5 सदस्यीय पीठ ने विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने और मुस्लिम पक्षकार (सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड) को अयोध्या में अलग से 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया है।
- चीफ जस्टिस का ऑफिस पब्लिक अथॉरिटीः- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की नेतृत्व वाली पीठ ने चीफ जस्टिस के ऑफिस को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दायरे में आने को लेकर फैसला सुनाया. इसमें कोर्ट ने कहा कि चीफ जस्टिस का ऑफिस भी पब्लिक अथॉरिटी है।
- सबरीमाला मामला:- सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली 5 न्यायमूर्तियों की संविधान पीठ ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट की 7 सदस्यीय बड़ी बेंच को भेज दिया है फिलहाल केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जारी है।
- सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर पर पाबंदी: - चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और पी. सी. घोष की पीठ ने सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की तस्वीर लगाने पर पाबंदी लगा दी थी।
- अंग्रेजी और हिंदी समेत 7 भाषाओं में फैसला: - अंग्रेजी और हिंदी समेत 7 भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को प्रकाशित करने का फैसला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने ही लिया।
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