अयोध्या फैसला: शिया वक्फ ने कहा- हमें दे दी जाए 5 एकड़ जमीन, बनवाएंगे अस्पताल
नई दिल्ली। अयोध्या फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिये उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पांच एकड़ जमीन नहीं लेता है तो वह खुद इसके लिए दावा पेश करेगा। शिया वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा कि उसे जमीन आवंटित की जाए। बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बुधवार को कहा कि हमने एक प्रस्ताव पारित किया है कि अगर सुन्नी वक्फ बोर्ड 5 एकड़ भूमि को स्वीकार करने से इनकार करता है, तो हम आवंटित भूमि के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे और कहेंगे कि हमें भूमि आवंटित की जाए।
हम उस भूमि पर एक अस्पताल का निर्माण करेंगे, जहां सभी धर्मों के लोगों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 9 नवम्बर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राममंदिर बनवाने और मस्जिद बनाने के लिये सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का सरकार को आदेश दिया था। वसीम रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गत नौ नवम्बर के अपने फैसले में खुद माना है कि बाबरी मस्जिद बाबर के शिया कमांडर मीर बाकी ने बनवाई थी, लिहाजा विवादित स्थल शिया वक्फ सम्पत्ति मानी जानी चाहिए।
शिया वक्फ बोर्ड विवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए इसी आधार पर सरकार से जमीन मांग सकता है और उस पर जनहित में एक अस्पताल बनाए जाने का प्रस्ताव ला सकता है। आपको बता दें कि अयोध्या फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर करेगा। पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। बोर्ड के सचिव और वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम दिसंबर के पहले हफ्ते में रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे। जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पुनर्विचार याचिका दायर करने से बोर्ड पर कोई विपरीत कानूनी प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी मुस्लिम संगठन पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर एक राय रखते हैं।