CAA-NRC को लेकर अयोध्या के संतों ने की मोदी सरकार की आलोचना, ममता को बताया बहादुर और ईमानदार
लखनऊ। यूपी के अध्योध्या के एक धार्मिक नेता ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने और एनआसी को प्रस्तावित करने को नफरत फैलाने वाला फैसला बताया है। जी हां अयोध्या के अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदी निर्वाणी अखाड़े के महंत ज्ञानदासजी महाराज ने मीडियाकर्मियों को बताया कि गरीब सभी दस्तावेज (अपनी नागरिकता साबित करने के लिए) नहीं दिखा सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों से ये उम्मीद कैसे कर सकती है कि वो नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज दिखा सकेंगे। महंत ज्ञानदासजी महाराज ने ये बयान कोलकाता के दक्षिण 24 परगना जिले में दिया। यहां वो गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। ज्ञानदास जी महाराज ने यहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बहादुरी और ईमानदारी की प्रशंसा की। ज्ञानदास जी ने कहा कि ममता बनर्जी की आत्मा शुद्ध है। उनके पास लड़ने की हिम्मत है, और वह हमेशा सच्चाई के पक्ष में खड़ी रही है।
उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार ने 2016 में 500 और हजार के नोट को बंद कर दिया तो बनर्जी ने इसकी आलोचना की थी। इस नोटबंदी से किसी को भी कोई फायदा नहीं हुआ। क्या इस कदम से आतंकवाद खत्म हो गया है? या फिर महंगाई को काबू में किया गया? वे (केंद्र सरकार) मूल रूप से लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। यह लंबे समय तक नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि हम संत हैं। हमारा कोई धर्म नहीं, कोई जाति नहीं है। हम सब मेहमान है और मुसलमान भी, तो केंद्र सरकार ने मुसलमानों को दूसरों से अलग क्यों किया है। वे (केंद्र सरकार) पूरे देश में नफरत फैला रही हैं। अगर वे (सीएए में) मुसलमानों को शामिल करते, तो कुछ नहीं होता।