क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अयोध्या विवाद: निर्मोही अखाड़े ने SC में कहा- डकैती में चोरी हो गए रामजन्मभूमि के रिकॉर्ड

Google Oneindia News

नई दिल्ली। अयोध्‍या राम जन्मभूमि विवाद पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने नियमित सुनवाई शुरू कर दी है, जिसका दूसरा दिन आज है। दूसरे दिन की सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़ा अपनी दलीलें पेश कर रहा है। इसके पहले, कल की सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़ा ने कहा था कि 1934 से ही किसी मुसलमान को राम जन्मस्थल में प्रवेश की अनुमति नहीं थी और उस पर सिर्फ निर्मोही अखाड़ा का नियंत्रण था।

ayodhya land case: supreme court asks nirmohi akhara for evidence to prove its possession

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने निर्मोही अखाड़े से रामजन्मभूमि पर कब्जे के संबंध में सबूत मांगे हैं। कोर्ट ने अखाड़े से पूछा कि क्या कोई मौखिक, या कागजी सबूत या रेवेन्यू रिकॉर्ड है? इसके जवाब में निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि 1982 में एक डकैती हुई थी जिसमें कागजात गायब गए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप बिना मालिकाना हक के पूजा-अर्चना कर सकते हैं लेकिन पूजा करना और मालिकाना हक जताना अलग-अलग बात है।

सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अगले दो दो घंटों में, हम मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य देखना चाहेंगे। न्यायमूर्ति डी चंद्रचूड़ ने कहा, 'हमें मूल दस्तावेज दिखाएं। इसपर जैन ने उत्तर दिया कि दस्तावेज इलाहाबाद (हाईकोर्ट) जजमेंट में उद्धृत हैं।

इसके पहले, कल की सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़े की ओर से बहस शुरू करते हुये वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील जैन ने यह ढांचा पूरी तरह से उसके अधिकार में ही है और वे इस क्षेत्र का प्रबंधन और इस पर अधिकार चाहते हैं। अखाड़ा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनका वाद मूलत: वस्तुओं, मालिकाना हक और प्रबंधन अधिकारों के बारे में है। वकील ने कहा, मैं एक पंजीकृत निकाय हूं। मेरा वाद मूलत: वस्तुओं, मालिकाना हक और प्रबंधन के अधिकारों के संबंध में हैं। साथ ही उन्होंने अदालत को बताया कि सैकड़ों साल तक भीतरी परिसर और राम जन्मस्थान पर अखाड़ा का नियंत्रण था।

ये भी पढ़ें: 70 मिनट की कोशिशों के बावजूद नहीं बचाई जा सकी सुषमा स्वराज की जान, रो पड़े एम्स के डॉक्टरये भी पढ़ें: 70 मिनट की कोशिशों के बावजूद नहीं बचाई जा सकी सुषमा स्वराज की जान, रो पड़े एम्स के डॉक्टर

अयोध्या भूमि विवाद का मध्यस्थता के माध्यम से समाधान खोजने का प्रयास विफल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर, 2010 के फैासले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर मंगलवार से सुनवाई शुरू की है। सीजेआई रंजन गोगोई के अलावा संविधान पीठ के अन्य जजों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

Comments
English summary
ayodhya land case: supreme court asks nirmohi akhara for evidence to prove it's possession
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X