Ayodhya dispute: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू
नई दिल्ली। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट आज से सुनवाई शुरू हो गई है, मध्यस्थता के जरिए विवाद का कोई हल निकालने का प्रयास असफल होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की रोजाना सुनवाई करने का फैसला किया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्था समिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जहां कोर्ट ने कहा था कि मध्यस्थता पैनल विवाद सुलझाने में नाकाम रहा, पैनल किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट इस केस की छह अगस्त से हर रोज सुनवाई करेगा।
फेल हो गया मध्यस्था पैनल
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद-राम मंदिर भूमि विवाद को सभी पक्षों से बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए 8 मार्च को मध्यस्थता समिति बनाई थी। समिति में पूर्व जस्टिस एफएम कलीफुल्ला, श्री श्री रविशंकर और सीनियर वकील श्रीराम पंचू शामिल थे। कमेटी को रिपोर्ट देने के लिए पहले 8 हफ्तों का वक्त दिया गया था, फिर समय को बढ़ाकर 13 हफ्ते कर दिया गया था। एक अगस्त को तीन सदस्यों वाले इस मध्यस्थता पैनल ने अपनी सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी थी, जिस पर 2 अगस्त को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस पर सुनवाई की। जिसके बाद सीजेआई ने जानकारी दी कि विवाद को सुलझाने में ये समिति नाकाम रही इसके बाद कोर्ट ने फैसला किया कि इस केस पर सुप्रीम कोर्ट छह अगस्त से हर रोज सुनवाई करेगा।
क्या है विवाद?
अयोध्या में बाबरी मस्जिद-राम मंदिर भूमि विवाद बीते कई दशकों से चल रहा है। सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला का जमीन पर दावा है। इस मामले में 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर बांटने का फैसला सुनाया था। इसको लेकर तीनों ही पक्षों ने नाखुशी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिस पर आज से सुनवाई शुरू होगी।
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