अयोध्या केस: सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा, क्या सुनवाई का सीधा प्रसारण हो सकता है?
नई दिल्ली। अयोध्या राम मंदिर मामले की सुनवाई की लाइव प्रसारण की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए रजिस्ट्री को नोटिस जारी कर पूछा है कि ऐसी व्यवस्था को बनाने में कितने दिनों का वक्त लगेगा। बता दें कि अयोध्या मामले की सुनवाई की लाइव प्रसारण की मांग वाली याचिका आरएसएस के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य की ओर से लगाई गई है। याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को नोटिस जारी किया है। दूसरी ओर से सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस याचिका का विरोध किया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ 6 अगस्त 2019 से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मामले पर रोजाना सुनवाई कर रहा है। सोमवाई को मामले की सुनवाई का 24वां दिन था। इस बीच अब एक बार फिर से मध्यस्थता की पहल शुरू करने की कोशिश हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की तरफ से पत्र लिखकर अपील की गई है कि वे कोर्ट के बाहर बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाना चाहते हैं।
8 अगस्त को सीजेआई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की (जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, एसए बोबडे, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर) पीठ ने कहा था कि वह सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई करेगी। याचिका में कहा गया है कि अगर इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं हो पाती है तो सुप्रीम कोर्ट कम से कम रिकॉर्ड के लिए कार्यवाही का ट्रांसक्रिप्ट तैयार करवाना चाहिए और बाद में उसे ऑनलाइन जारी किया जा सकता है। अपनी याचिका में गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 के आदेश का हवाला दिया जिसके तहत देश में अदालत की कार्यवाहियों का सीधा प्रसारण हो सकता है।
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