अयोध्या केस: सुप्रीम कोर्ट ने 40वें दिन पूरी की सुनवाई, फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अयोध्या केस की सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 40वें दिन सुनवाई की। सभी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। हिंदू पक्ष की ओर से निर्मोही अखाड़ा, हिंदू महासभा, रामजन्मभूमि न्यास की ओर से दलीलें रखी गईं तो वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने अपनी दलीलें कोर्ट के सामने रखी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अंतिम दिन सबसे आखिर में मुस्लिम पक्ष की और से दलीलें रखी गई। सुप्रीम कोर्ट में तय समय के मुताबिक मुस्लिम पक्ष के वकील को एक घंटे और हिंदू पक्ष के वकील को 45 मिनट मिला तो वहीं, चारों हिंदू पक्षकारों को 45-45 मिनट समय दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने अब लिखित हलफनामा, मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लिखित में जमा करने के लिए तीन दिन का समय दिया है।
हिंदू महासभा के वकील वरुण सिन्हा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित करने के साथ ही स्पष्ट किया कि इस मामले में 23 दिनों के भीतर फैसला आ जाएगा। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा के वकील ने एक नया नक्शा कोर्ट में पेश किया, जिसे देखकर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन इतने नाराज हुए कि नक्शा ही फाड़ दिया। इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भी बेहद नाराजगी जताई। वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई ही नहीं गई थी, मंदिर के होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
गौरतलब है कि 6 अगस्त से इस मामले की सुनवाई कोर्ट में प्रतिदिन के हिसाब से हो शुरु हुई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एफएम इब्राहिम खलीफुल्लाह की अध्यक्षता में एक मध्यस्थता पैनल का गठन किया, जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू सदस्य के रूप में शामिल थे। पैनल को अपनी रिपोर्ट देने के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया गया था। हालांकि, अगस्त की शुरुआत में एक रिपोर्ट ने मध्यस्थता के प्रयासों की विफलता का संकेत दिया।
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