अयोध्या केस की कवरेज पर NBSA ने जारी की एडवाइजरी, टीवी चैनलों को दिया सख्त निर्देश
नई दिल्ली। देश के सबसे चर्चित मामलों में से एक अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई 40वें दिन पूरी हो गई है। सभी पक्षों की दलीलों के पूरी होने के साथ ही सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अन्य याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि बहुत हो चुका, शाम 5 बजे इस मामले पर सुनवाई पूरी हो जाएगी। सुनवाई के दौरान पहले हिंदू पक्ष की तरफ से दलीलें रखी गईं, जबकि इसके बाद मुस्लिम पक्ष की तरफ से दलीलें रखी गईं। वहीं, कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए) ने अयोध्या मामले के कवरेज को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने जारी की एडवाइजरी
न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि-
- अयोध्या मामले में अदालती कार्यवाही को लेकर अटकलें न लगाएं।
- सुनवाई से जुड़े तथ्य ही पेश किए जाएं।
- मस्जिद विध्वंस की फुटेज का इस्तेमाल ना करें।
- किसी भी हाल में जश्न आदि के दृश्य प्रसारण ना किए जाएं।
- टीवी डिबेट में भड़काऊ बातें प्रसारित ना की जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद लिखित दस्तावेजों को जमा करने के लिए सभी पक्षों को तीन दिनों का समय दिया गया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रखने के बाद वकील विकास सिंह ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के वकील द्वारा कोर्ट की कार्यवाही के दौरान नक्शे को फाड़ना बताता है कि वे लोग सबूतों को भी देखना नहीं चाहते। वहीं, बुधवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा जमीन पर दावा वापस लेने की खबरें अचानक मीडिया में आने लगी थीं, जिसपर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जफरयाब जिलानी ने कहा कि ऐसी कोई भी अपील कोर्ट में दायर नहीं की गई है। इकबाल अंसारी ने भी मध्यस्थता की खबरों का खंडन किया।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी
राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 2010 में फैसला सुनाया था। जिसमें कोर्ट ने विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दायर की गई थीं। मध्यस्थता की कोशिश नाकाम रहने के बाद इस मामले में 6 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई हो रही थी, जो बुधवार, 16 अक्टूबर को पूरी हुईं।